नई दिल्ली। शुक्रवार को भारतीय मज़दूर संघ के केन्द्रीय नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के हित में तत्काल कदम उठाए जाने की मांग रखी. बीएएमएस के संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन और महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने संगठन की ओर से सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि जो श्रमिक घर/गांव पहुंच गये हैं, जो रास्ते में फंसे हुए हैं. और जो अपने कार्य स्थल पर ही रुके हुए हैं. सभी के लिए अलग-अलग राहत उपाय किए जाएं.

यह सुझाव दिए

  • रास्ते में फंसे सभी श्रमिकों को प्राथमिकता से उनके घरों तक पहुंचाया जाए.
  • कार्य स्थल पर अटके श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाना. इसके लिए लघु उद्योगों एवं निर्माण कार्य को शीघ्र अनुमति देना, निर्यातक लघु इकाइयों को सुरक्षा उपायों के साथ चालू करना.
  • गांव पहुंच चुके श्रमिकों के लिए गांव में अस्थायी रोजगार उपलब्ध करवाना. इसके लिए मनरेगा के अन्तर्गत स्थानीय सड़क की मरम्मत, सरकारी एवं सार्वजनिक भवनों की मरम्मत, तालाबों और नहरों की सफाई, तालाब में जमा गाद, उपजाउ मिट्टी निकालना तथा खेतों में डालना आदि. इससे प्रत्येक गांव में 15 दिन या 1 माह का रोजगार सृजन हो सकेगा.
  • ग्रामीण एवं निकटवर्ती अर्ध शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्य, लघु एवं ग्रामीण उद्योगों को प्रारंभ करना.
  • वापस कार्य क्षेत्र में जाने को उत्सुक श्रमिकों हेतु सशुल्क यातायात व्यवस्था उपलब्ध करवाना. उक्त उपायों से अर्थव्यवस्था और रोजगार की गाड़ी धीरे धीरे पटरी पर लाई जा सकेगी.

निर्माण श्रमिक का भी ध्यान दें

  • सभी पंजिकृत निर्माण श्रमिकों को राज्य सरकारों द्वारा घोषित राहत राशि उपलब्ध करवाना, बैंक द्वारा भुगतान में कोई कठिनाई है तो उन्हें पर्याप्त दस्तावेज देखकर नकद भुगतान की व्यवस्था करना.
  • सभी Non Renewble पंजिकृत श्रमिकों को भी राहत राशि का भुगतान करना तथा उन्हें वर्ष 2020 के लिये स्वतः नवीनीकरण करना.
  • गैरपंजिकृत श्रमिकों को भी अपेक्षित पहचान दस्तावेज दिखाने पर राहत राशि का भुगतान करना.

बीड़ी उद्योग

  • लाखों की संख्या में रोजगार देने वाला एक बड़ा क्षेत्रा है बीड़ी उद्योग. इसे तुरन्त शुरु करना चाहिये किन्तु निम्न सावधनियां अपेक्षित है.
  • घर से बीड़ी बनाने वाले को प्राथमिकता देना.
  • पत्ता और तम्बाकू श्रमिक बस्ती में हीं उपलब्ध करवाना फैक्टरी की ओर से यह व्यवस्था करना.
  • ऐसे ही तैयार बीड़ी संग्रह की व्यवस्था करना.
  • बीड़ी निर्माण की सरकार द्वारा घोषित मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करवाना.
  • इंडस्ट्री को वेज सपोर्ट और जीएसटी की दर कम करना.
  • Welfare Board एवं Dispensary को सुचारु एवं प्रभावी बनाना.
  • अपंजीकृत बीड़ी श्रमिकों को बी.पी.एल की सुविधा लागू करना.
  • कार्य क्षतिपूर्ति स्वरुप अन्य श्रमिकों के तरह उन्हें भी आर्थिक राहत उपलब्ध करवाना.
  • केरल सरकार द्वारा बीड़ी श्रमिकों को 3000/- प्रति श्रमिक दिया गया. तेलंगाना सरकार निरन्तर 1500 महिना दे रही है.

मत्स्य उद्योग

  • समुद्री मछुआरों को Non Fishing Allowance का भुगतान तुरन्त करना.
  • Inland Fishing शीघ्र चालू करना तथा अन्य श्रमिकों के समान सहायता राशि उपलब्ध करवाना.

कृषि श्रमिक

  • भूमिहीन कृषि श्रमिकों को भी किसानों के समान राहत राशि का भुगतान करना.

स्वरोजगार

  • दिल्ली सरकार ने सभी पंजिकृत ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा चालकों तथा स्ट्रीट वेण्डर्स को आर्थिक सहायता की घोषणा की है. इसी तरह प्रत्येक प्रदेश सरकारों ने राहत उपलब्ध करवाना चाहिये.
  • एक वर्ष के लिये सभी प्रकार के टैक्स में छूट प्रदान की जाये तथा आवेदन करने पर लघु अवधि का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करवाना.
  • हैण्डलूम वर्कर/ बुनकरों को सस्ती दर पर पर्याप्त धागा उपलब्ध करवाना। इन्हें भी आर्थिक राहत पैकेज देना.
  • घरेलू कामगारों को लाकडाउन अवधि का भुगतान करवाया जाये.
  • लाक डाउन अवधि में आवागमन हेतु आवष्यक पास जारी करवाया जाये.

वनवासी क्षेत्र

  • वनोपज खरीद की व्यापक व्यवस्था करना.
  • जल संसाधन विकास की योजना चालू करना तथा कुएं गहरे करना, एनीकट, चेकडैम, तालाब का निर्माण/मरम्मत करना.
  • भूमि सुधार योजना के कार्य प्रारंभ करना.
  • मनरेगा अन्तर्गत विविध कार्य प्रारंभ करना.
  • गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों हेतु क्वारन्टाईन की ठीक व्यवस्था करना. वनवासी क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर पर्याप्त भवनों का अभाव रहता है अतः तहसील/ब्लाॅक केन्द्रों पर या समकक्ष बड़े स्थानों पर ही क्वारन्टाईन सेन्टर बनाना.

अप्रवासी भारतीय श्रमिक

  • जैसे ही कोरोना संकट समाप्त होगा मलेशिया और खाड़ी देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर भारत लौटना चाहेंगे. यह संख्या लाखों में होगी. इन सबको भारत में जीविकोपार्जन की व्यवस्था करना होगा.
  • सम्बन्धित प्रदेश सरकारों के लिये यह बड़ी चुनौती होगी जिसके लिये उन्हें अभी योजना करना होगा.

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