धनबाद। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड ने अगले दो सालों में 69 नई माइंस खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभागीय स्तर पर अध्ययन पूरा कर लिया गया है। नई माइंस के खोलने से करीब 40 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। सभी माइंस आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा ही चलाई जाएगी। कंपनी ने 2020-2021 तक 80 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी की श्रेणी में खड़ा होने का प्लान बनाया है।
मौजूदा समय में 35 मिलियन टन तक कोयला उत्पादन किया जा रहा है। नई माइंस से 45 मिलियन टन कोयला उत्पादन होने से 80 मिलियन टन हो जाएगा। कंपनी कोकिंग कोल जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए, इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। सीएमडी गोपाल सिंह के निर्देश पर कंपनी स्तरीय माइनिंग एक्सपर्ट की टीम ने सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। सीएमडी स्वयं इस पर लगातार अध्ययन कर रहे हैं।
सात प्रोजेक्ट को सीएमपीडीआई की हरी झंडी : सीएमपीडीआई ने सात प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है और जल्द ही इसका टेंडर जारी किया जाएगा। कंट्रैक्ट मैनेजमेंट सेल को इसकी जिम्मेवारी दी गई है। इसमें ईस्टर्न झरिया का एक्स पैच, कुसुंडा एरिया का सी पैच, सिजुआ आदि शामिल है।
लांग टर्म प्लान पर हो रहा काम : बीसीसीएल लांग टर्म प्लान पर काम कर रही है। जो भी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है, वह पांच से दस साल के लिए हो रहा है, ताकि किसी तरह की कोई समस्या बीच में उत्पन्न न हो।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार :बीसीसीएल प्रबंधन परियोजना खोलने में विस्थापित हुए परिवार के युवकों को आउटसोर्सिंग माइंस में रोजगार की प्राथमिकता देगी। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी कर रही है। मोटर वाहन ट्रेनिंग के अलावा अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण दे रही है। इससे सैकड़ों युवकों को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ गई है।
कोकिंग कोल कोयला का भंडार : सर्वे में पता चला है कि 45 मिलियन टन कोयला का भंडार है। इसमें सबसे अधिक कोकिंग कोल है, जो देश की अहम जरूरत है। प्रबंधन खुली खदानों को आउटसोर्सिंग के जरिए व संयुक्त साझेदारी में चलाएगी।
यहां खुलेगी माइंस : पुटकी बलिहारी, बरोरा, चांच विक्टोरिया एरिया बारह, बस्ताकोला, ब्लॉक टू, गोविंदपुर कतरास, सिजुआ, लोदना एरिया शामिल है। बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि नई मांइस खोलने का विचार किया गया है, जिसमें सात माइंस की रिपोर्ट सीएमपीडीआईएल ने दे भी दी है। यहां कोयला का बहुत बड़ा भंडार है। आउटसोर्सिंग के जरिए कोयला खनन किया जाएगा। स्थानीय विस्थापित युवकों के लिए रोजगार के साधन खुलेंगे।

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