भिलाई (IP News). सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए बीएसपी के प्लेट मिल ने पुनः अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। 12 अप्रैल 2021 को 13 वी बार मैसर्स मिश्र धातु निगम (मिधानी) द्वारा प्रदत्त एमडीएन-250 के 10 स्लैब्स से 20 प्लेट की सफलतापूर्वक रोलिंग की। इसके पूर्व सयंत्र ने 20 अक्टूबर 2020 को एमडीएन स्लैब्स की रोलिंग की थी।
विदित हो कि भिलाई के प्लेट मिल में नियमित अंतराल में इन स्लैब्स को 9.3 मिलीमीटर की मोटाई में सफलतापूर्वक रोलिंग किया जा रहा है। इन प्लेटों का उपयोग देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम के सेटेलाइट प्रक्षेपण में किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इन प्लेटों का उपयोग पीएसएलव्ही के बाहरी मोटर आवरण और इसरो के जीएसएलव्ही सेटेलाइट प्रक्षेपण वाहनों में किया गया है। जिसमें चन्द्रयान प्रक्षेपण हेतु उपयोग किए जाने वाले एसएलव्ही भी शामिल है।
इन प्लेटों की रोलिंग अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण होती है। इन शक्तिशाली स्पेशल प्लेटों की विशेषता यह है कि ये उच्च ताप को सहने की क्षमता रखते हैं। इसके रोलिंग में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें स्लैब्स के रिहीटिंग से लेकर रोलिंग तक कड़े तकनीकी मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को प्लेट मिल बिरादरी के साथ-साथ आरसीएल व इन्स्ट्रूमंेटेशन जैसे विभागों तथा अन्य संबंधित विभागों का महत्वपूर्ण योगदान है। इन स्लैबों की रोलिंग, भिलाई के टीम वर्क व तकनीकी कुशलता की बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत करता है।
इन प्लेटों की रोलिंग गुणवत्ता के कड़े मापदंड के मध्य किया जाता है। इन प्लेटों को कड़े निरीक्षण व कठोर परीक्षण से गुजरना होता है। इन प्लेटों की रोलिंग प्लेट मिल के मुख्य महाप्रबंधक श्री संजय शर्मा के नेतृत्व तथा इन प्लेटों का निरीक्षण सयंत्र के गुणवत्ता विभाग की ओर से सुधीर रामकृष्ण, महाप्रन्धक (फ्लैट प्रोडक्ट, एन डी टी एवम प्लानिंग)
तथा श्री बिपिन कुमार, महाप्रन्धक (फ्लैट प्रोडक्ट एवम एन डी टी) की देखरेख व मार्गदर्शन में किया गया।
इस बार ये उल्लेखनीय रहा की कोविड के वजह से प्लेट मिल की टीम के कुछ सदस्यों की अनुपस्थिति में मिल के अन्य सदस्यों को तैयार किया गया जिन्होंने रोलिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
सेल-भिलाई इस्पात सयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता एवम सयंत्र के अधिशासी निदेशक (वर्क्स) श्री राजीव सहगल ने प्लेट मिल की टीम के साथ अन्य विभाग के सदस्यों को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
20 अक्टूबर 2020 के पूर्व 29 जुलाई, 2020 को एमडीएन-250 स्लैब्स की सफलतापूर्वक रोलिंग की गई थी। रोलिंग की गई मिधानी स्लैब्स के इस लाॅट का प्रयोग अब भारत के प्रथम मानवयुक्त उपग्रह मिशन कार्यक्रम, “गगनयान” के प्रक्षेपण हेतु किया जायेगा। इससे पूर्व फरवरी, 2020 में भी इस हेतु स्लैब्स की रोलिंग की गई थी।
वर्ष 2009 में भिलाई के प्लेट मिल में मिधानी द्वारा भेजी गई स्लैब्स के प्रथम लाॅट की रोलिंग की गई थी। जिसके तहत अक्टूबर, 2009 में 20 टन प्लेटों की रोलिंग की गई। वर्तमान समय में नियमित रूप से बीएसपी के प्लेट मिल द्वारा एमडीएन-250 स्लैब्स की रोलिंग की जा रही है। इन प्लेटों का उपयोग विभिन्न सॅटॅलाइट लांच यान में उपयोग किया जाता रहा है।
अब तक कुल 440 टन की रोलिंग की जा चुकी है। जिसमे फरवरी, 2020 में “गगनयान” हेतु की गई रोलिंग भी शामिल है।
देश के लिए अति महत्वपूर्ण इन प्लेटों की मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नियमित रूप से किया जाता रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इन प्लेटों की रोलिंग व गुणवत्ता जाँच हेतु सेल-बीएसपी के प्लेट मिल एवं रिसर्च एवं कंट्रोल लैब (आरसीएल) विभाग कौशल और तजुर्बों पर भरोसा करते हुए मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर ने अब प्लेट के इंस्पेक्शन एवं टेस्टिंग की महती जिम्मेदारी बीएसपी के गुणवत्ता एवम आरसीएल को सौंपी।
“गगनयान” परियोजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके माध्यम से प्रथम मानवयुक्त उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जायेगा। इसरो का यह स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम वर्ष 2022 में सम्पन्न होने की संभावना है। इस महत्वपूर्ण परियोजना में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भी इसरो को अपनी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है। इस हेतु मिश्र धातु निगम लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा प्रदत्त स्लैब की रोलिंग भिलाई के प्लेट मिल में एक बार फिर सफलतापूर्वक किया गया।