भिलाई (IP News). सेल, भिलाई इस्पात संयंत्र ने उत्पादन में प्रदर्शन की अपनी प्रवृत्ति को बनाये रखते हुए सितम्बर, 2020 में एक बार पुनः उत्पादन की नई उचाईयों का स्पर्श किया है। 25 सितम्बर, 2020 को माह में दूसरी बार संयंत्र ने हॉट मेटल 16,000 टन के अंक को पार किया है। दोनों स्टील मेंल्टिंग शाप्स ने भी 15,235 टन कच्चे इस्पात का उत्पादन करते हुए चालू वित्त वर्ष के दौरान उच्चत्तम उत्पादन दर्ज किया है।
संयंत्र ने माह के शुरुआत में ही दोनों स्टील उत्पादों के उत्पादन के क्षेत्र में एस एम एस-2 और 3 के परिचालन में सुधार और उपलब्ध पिंग-कास्टिंग मशीन (पीसीएम) क्षमता का उपयोग करके हॉट मेंटल की खपत को बढ़ाने की रणनीति पर काम करते हुए व्यापक उपाय किए थे। ब्लॉस्ट फर्नेस-5 को संचालित करने के पश्चात मापिक क्षमता से अधिक उप्तादन कर और ब्लॉस्ट फर्नेस-8 को आवश्यक मरम्मत के बाद अपनी पूरी ताकत के साथ हॉट मेटल के अधिकतम उत्पादन का उपयोग करने के लिये स्टील मेल्टिंग शाप्स को भी तैयार किया गया था।

यहाँ उल्लेखनीय है कि संयंत्र ने 4 ब्लॉस्ट फर्नेसों से प्रचालन करते हुए 19 सितम्बर, 2020 को 16,080 टन हॉट मेटल का उत्पादन दर्ज किया था। 25 सितम्बर, 2020 को एक बार पुनः महीने में दूसरी बार प्लांट ने मात्र 4 भट्टियों से 16,000 टन को पार करते हुए 16,051 टन हॉट मेटल का उत्पादन किया है। यह सफलता सबसे कम उम्र की फर्नेस ब्लॉस्ट फर्नेस-8 और सबसे अधिक उम्र की फर्नेस ब्लॉस्ट फर्नेस-1 के अच्छे प्रदर्शन और तालमेल के कारण संभव हुआ है। ब्लॉस्ट फर्नेस-8 ने 8,128 टन और ब्लॉस्ट फर्नेस-1 ने 2,194 टन हॉट मेटल का उत्पादन किया है।
उल्लेखनीय है कि दोनों स्टील मेंल्टिंग शाप्स ने भी उत्पादन में सुधार दर्ज किया है। 25 सित्मबर, 2020 को एसएमएस-2 ने 69 हीट्स का उत्पादन किया है जो चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक का सबसे अधिक है। इसी तरह एसएमएस-3 ने 44 हीट्स का उत्पादन दर्ज किया है। इसे किसी भी दिन में क्रूड इस्पात के 15,235 टन के उच्चतम आंकडे को प्राप्त करने के लिये संयोजित किया गया था।

गौरतलब है कि एसएमएस-3 ने दूसरी छमाही के अंत में अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार दिखलाया है। अगस्त 2020 में 30 हीट्स के औसत और 1 से 12 सितम्बर, 2020 के 31 हीट्स औसत की तुलना में 13 से 25 सितम्बर 2020 की अवधि में 40 हीट्स औसतन प्राप्त किया है। एसएमएस-3 ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर, 2020 के दिन 48 हीट्स का दर्ज किया है।

भिलाई इस्पात संयंत्र की टीम अब आने वाले अक्टूबर महीने में उत्पादन की नयी ऊंचाइयों को हासिल करने हेतु तैयार है. अक्टूबर 2020 में ब्लास्ट फ़र्नास क्रमांक 6 के जुड़ते ही संयंत्र 18,000 टन प्रति दिन हॉट मेटल उत्पादन हासिल करने में सक्षम हो जायेगा। इस्पात गलन शाला 3 की निष्पादन बेहतर होते हुए 50 हीट प्रति दिन की ओर अग्रसर है जिससे की बढे हुए हॉट मेटल उत्पादन की खपत हो सके।

भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी  अनिर्बान दासगुप्ता ने संपूर्ण भिलाई इस्पात बिरादरी को निष्पादन में निरंतर बढौतरी के लिए बधाई दी है। टीम भिलाई को बधाई देते हुए कार्यपालक निदेशक (संकार्य) श्री राजीव सहगल ने कहा की कोविड-19 से उप्तन्न कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर निष्पादन हासिल कर पाना भिलाई बिरादरी के लिए यह साबित करता है की जब परिस्थितियाँ कठिन हो, तों जो मज़बूत होता है वही आगे बढ़ पाता है। बेहतर निष्पादन सभी कार्मिकों और अधिकारीयों एवं अन्य स्टेकहोल्डर के सहयोग से ही संभव हो सका है।

उल्लेखनीय है की वर्तमान में विभिन्न विभागों और एजेंसियों के समन्वित टीम प्रयासों के फलस्वरूप बढे हुए उपत्पदन स्तर हासिल करने के साथ साथ प्रबंधन ने सुरक्षित और स्वच्छ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हतु व्यापक प्रयास जारी रखा है, जिसके फलस्वरूप कार्यबल का मनोबल बढ़ा है। संयंत्र के विभिन्न शॉप्स और क्षेत्रों में निरंतर और बड़े पैमाने पर स्वच्छता सहित कई उपाय किए गए हैं। प्लांट के अंदर रेस्ट रूम की स्थिति में सुधार के लिए जहाँ आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, वहीँ थर्मल स्कैनिंग एवं सेनेटाईजेशन के साथ साथ हाउस कीपिंग एवं साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। क्रेने, पुलपिट और अन्य उपकरण की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिससे शहर में कोविड-19 के बढते हुए संख्या से पैदा हुए कठिन परिस्थितियों में भी कार्मिकों का मनोबल बढ़ा रहे।

प्रबंधन ने अपने प्रयासों में कार्मिकों से लगातार संचार करते हुए श्रमिक यूनियनों और अधिकारी एसोसिएशन से सहयोग प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी रखा रहा है जिससे संयंत्र के प्रचालन में कोई विपरीत असर न पढ़े । फलस्वरूप वर्तमान के कड़ी लॉकडाउन की स्थिति में भी संयंत्र बढे हुए निष्पादन और उत्पादन स्तर को बनाये रख पाने में सफल हुआ है। आज जब संपूर्ण विश्व कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है ऐसे समय में भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्मिको और अधिकारीगण के जज्बे और संकल्पित इरादों के वजह से ही आज संयंत्र बेहतर निष्पादन कर पा रहा है।

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