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कोरबा (मोहम्मद सादिक शेख, आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ राज्य में 5 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि बिजली अधिकतम मांग में बढ़ोतरी के बावजूद इसकी कमी लगभग नगण्य थी। चालू वित्तीय वर्ष की नौ माह की रिपोर्ट यह कहती हैै। नौ माह (अप्रेल- दिसम्बर 2019) के दौरान राज्य में बिजली की औसतन अधिकतम मांग (पिक अवर) 4,746 मेगावाट रही। इसके मुकाबले बिजली की उपलब्धता 4,736 मेगावाट थी। केवल 10 मेगावाट की ही कमी दर्ज की गई। इसी तरह नौ माह के दौरान बिजली की पूर्ण आवश्यकता और उपलब्धता लगभग बराबर थी। राज्य को 22,963 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता थी, जबकि उपलब्धता 22,960 मिलियन यूनिट रही। 2019 के पहले के वर्षों तक सामान अवधि (अप्रेल- दिसम्बर) में बिजली की मांग और उपलब्धता में खासा अंतर रहा है। यानि बिजली की कमी रही है। वर्षवार बिजली की मांग और उपलब्धता की स्थिति, देखें चार्ट:
– पिक अवर में बिजली की मांग/उपलब्धता की स्थिति
वर्ष       आवश्यकता     उपलब्धता
2019        4,746          4,736
2018       4,416           4,270
2017       4,169           3,887
2016       3,875          3,851
2015       3,929          3,757
(नोट: आंकड़े मेगावाट में)
– बिजली की पूर्ण आवश्यकता/ उपलब्धता की स्थिति
वर्ष       आवश्यकता      उपलब्धता
2019       22,963         22,960
2018       19,481         19,450
2017       19,718         19,637
2016       17,573         17,520
2015       19,289         18,992
(नोट: आंकड़े मिलियन यूनिट में)

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