कोरोना वायरस के कारण इस साल त्योहार भी बदले-बदले नजर आएंगे। आने वाले दिनों में तमाम फेस्टिवल्स (Festival) को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने (Health Ministry) त्योहारों के आयोजन के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी तरह के त्योहार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। साथ ही मंदिरों और पूजा पंडालों में भगवान की मूर्तियों के साथ घर्मग्रंथों के छूने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके अलावा मंदिर में सामूहिक भजन-कीर्तन और प्रार्थना पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा पूजा, मेलों, रैलियों, प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सामूहिक गायन पर रोक लगाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से अपने घरों में रहकर ही त्‍योहारों को मनाने की अपील की है। मंत्रालय ने जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की है, उसके मुताबिक धार्मिक स्थलों और पंडालों में मूर्तियों को छूने की मनाही होगी। साथ ही सामूहिक धार्मिक गाने-बजाने के कार्यक्रमों के बदले रिकॉर्डेड धार्मिक संगीत बजाया जा सकेगा। इसके अलावा कम्युनिटी किचन और लंगरों में सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन करना होगा। कम्यूनिटी किचन चलाने वालों को साफ-सफाई का पूरा खयाल रखना होगा। यह SOP पूजा समितियों, मंदिर प्रशासन, सेलेब्स और सभी कर्मचारियों पर लागू होगा।

नवरात्रि के लिए जारी दिशा-निर्देश

केंद्र सरकार ने अपने दिसा-निर्देश में साफ कहा है कि नवरात्रि के दौरान मूर्ति विसर्जन की जगहें पूजा समितियों को पूर्व में निर्धारित करनी होंगी। पंडालों और मंदिरों में पूजा और मूर्तियों के विसर्जन के दौरान लोगों की मौजूदगी बेहद सीमित रखनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न बनाना होगा। पंडालों में साफ-सफाई, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन की व्यापक व्यवस्था करना होगी। पूजा समितियों को धार्मिक कार्यक्रमों के लिए पूरी प्लानिंग करनी होगी और क्लोज सर्किट कैमरे लगाने होंगे। इसके आलावा पंडालों, फूड कोर्ट और कार्यक्रमों में 6 फीट की दूरी का ख्याल रखते हुए सीटिंग अरेंजमेंट करना होगा। साथ ही मंदिरों और पूजा पंडालों में प्रवेश से पहले लोगों को अपने फूटवेयर अपनी गाड़ी में ही उतार कर आने होंगे।

इन नियमों का करना होगा पालन

– धार्मिक आयोजनों के लिए कार्यक्रम स्थल की पहचान कर एडवांस में पूरी प्लानिंग करनी होगी और थर्मल स्क्रीनिंग के साथ सैनेटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
– रैली और मूर्तियों के विसर्जन जुलूस के मामले में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं हो, यह सुनिश्चित करना होगा। लंबी दूरी की रैली और जुलूस के लिए एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध होंगी।
– मेला, पूजा पंडालों और रामलीला पंडाल में लोगों की सीमित संख्या में एंट्री होगी। साथ ही वालेंटियर्स को थर्मल स्कैनिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनाकर तैनात किया जाएगा।

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