केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने को मंजूरी प्रदान कर दी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी जिले में स्थित इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजा था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है.

गृह मंत्रालय नाम बदलने के प्रस्तावों पर संबंधित एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करके वर्तमान दिशा-निर्देशों के मुताबिक विचार करता है. मंत्रालय किसी भी स्थान के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय, भारतीय डाक और सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति हासिल करने के बाद अपनी मंजूरी प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि गांव या कस्बे या शहर के नाम में परिवर्तन के लिए कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है. जबकि राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान संशोधन आवश्यक होता है.

दो साल पहले उत्तर प्रदेश के ही मुगलसराय जंक्शन का नाम बदल दिया गया था. मुगलसराय जंक्शन को केंद्र सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय नाम दिया कर दिया था. तब से यह स्टेशन पंडित दीनदयाल के नाम से ही जाना जा रहा है. मुगलसराय जंक्शन के नए नाम के बोर्ड से परदा हटाने के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल, सीएम योगी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई मंत्रियों ने उद्घाटन किया था.

इससे दो साल पहले ही उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया गया था. तब से ही संगम नगरी प्रयागराज के नाम से जानी जाती है. मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह वादा भी किया था कि वे इलाहाबाद का नाम फिर से प्रयागराज कर देंगे. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

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