श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने आज वर्ष (2016) के आधार पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) की नई श्रृंखला जारी की। इस अवसर पर श्री अपूर्वा चंद्र, सचिव एलएंडई और श्री डीपीएस नेगी, वरिष्ठ श्रम और रोजगार सलाहकार और महानिदेशक, श्रम ब्यूरो उपस्थित थे। श्रम और रोजगार मंत्रालय के एक संबद्ध कार्यालय, श्रम ब्यूरो ने इस सूचकांक को संकलित और जारी किया है। नई श्रृंखला, मौजूदा श्रृंखला आधार 2001=100 को आधार 2016 = 100 के साथ प्रतिस्थापित करेगी।
इस संशोधन से पहले, श्रम ब्यूरो की स्थापना के बाद से श्रृंखला को 1944 से 1949; 1949 से 1960, 1960 से 1982 और 1982 से 2001 तक संशोधित किया गया।
इस संबंध में, केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि लक्षित आबादी के नवीनतम उपभोग स्वरूप का प्रतिनिधित्व करने वाली नई शृंखला के साथ सीपीआई-आईडब्ल्यू का संशोधन आने वाले समय में श्रमिकों के हित अनुकूल साबित होगा।
श्री गंगवार ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक संकेतकों को मापने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार किए गए हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों तथा प्रथाओं को शामिल करते हुए, इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक तुलनीय बनाया जाएगा।
श्री गंगवार ने श्रम ब्यूरो के विशेष और तेजी से किये गये प्रयासों की सराहना की, जो कि सीपीआई (आईडब्ल्यू) की नवीन श्रृंखला के विमोचन में भूमिका निभाते हैं। प्रयासों की सराहना करते हुए, श्रम मंत्री ने उल्लेख किया कि श्रम के सभी पहलुओं पर डेटा नीति निर्माण में सहयोग के रूप में कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण है और श्रम और मूल्य के आंकड़ों के लिए समर्पित श्रम ब्यूरो जैसे संगठन के अस्तित्व को सही ठहराता है। भारत एक श्रमिक प्रचुर राष्ट्र है, इस तथ्य के साथ आने वाले समय में डेटा के बढ़ते महत्व के साथ श्रम और मूल्य आंकड़ों के लिए समर्पित श्रम ब्यूरो जैसा संगठन मज़बूत होता है।
श्री गंगवार ने मीडिया कर्मियों से कहा कि श्रम ब्यूरो सभी मोर्चों पर प्रभावशाली प्रगति कर रहा है। इसके पास गुणवत्ता वाले श्रम आंकड़ों के निर्माण की एक समृद्ध विरासत है, इसका पता 1920 में इसकी स्थापना से लगाया जा सकता है। इसके अस्तित्व में आने के 100 वर्षों के बाद एक अत्यंत आवश्यक लोगो के जारी होने से एक नए भवन में जाने के बाद अब श्रम ब्यूरो ने सीपीआई (आईडब्ल्यू) की नई श्रृंखला जारी की है।
श्री अपूर्वा चंद्रा ने बताया कि श्रम ब्यूरों ने पेशेवरों और गैर औपचारिक परिवहन क्षेत्र, प्रवासी श्रमिकों और घरेलू श्रमिकों द्वारा उत्पन्न रोजगार पर तीन बड़े सर्वेक्षण शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि श्रम ब्यूरो को हाल ही में प्रस्तावित चार श्रम संहिता पर आंकड़ों के संग्रह का कार्य अनिवार्य किया गया है। सचिव ने श्रम ब्यूरो को भविष्य के अपने प्रयासों में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
“औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की नई श्रृंखला (आधार 2016 = 100)” पर रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण प्रकाशन है जिसका उद्देश्य सीपीआई आईडब्ल्यू की नई श्रृंखला से संबंधित अवधारणाओं, परिभाषाओं और कार्यप्रणाली को 2016 को आधार वर्ष के रूप में दिया गया है। यह शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, विद्वानों और सीपीआई-आईडब्ल्यू के अन्य सभी हितधारकों के लिए एक उपयोगी संदर्भ पुस्तक के रूप में काम करेगी। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), सूचकांक संशोधन समिति (आईआरसी) और राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग (एनएससी) की सिफारिशों के अनुसार, मूल्य सूचकांक संख्याओं के आधार वर्ष को नियमित अंतराल पर संशोधित किया जाना चाहिए, जो कि होने वाले परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए 10 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। सीपीआई-आईडब्ल्यू को अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और आईएलओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार संकलित किया गया है।
श्री गंगवार ने सितंबर, 2020 महीने के लिए आधार वर्ष 2016 के साथ प्रथम सूचकांक भी जारी किया। सूचकांक 88 केंद्रों और अखिल भारतीय स्तर के लिए संकलित किया गया है। सितंबर, 2020 के महीने के लिए अखिल भारतीय सूचकांक, 118 के स्तर पर है। नई श्रृंखला सूचकांक के रूपांतरण के लिए पिछली श्रृंखला से जोड़ने का आधार 2001 = 100 के लिये 2.88 अंक है।
सीपीआई-आईडब्ल्यू (2016 = 100) श्रृंखला, सीपीआई-आईडब्ल्यू (2001 = 100) श्रृंखला की जगह लेती है। नई श्रृंखला चरित्र में अधिक प्रतिनिधित्व करती है और औद्योगिक श्रमिकों के नवीनतम उपभोग स्वरूप को दर्शाती है।
श्री गंगवार ने सीपीआई-आईडब्ल्यू (2016 =100) की नई श्रृंखला के तहत किए गए कुछ महत्वपूर्ण सुधारों को विस्तार से बताया, जो पुरानी श्रृंखला (2001 = 100) में निम्नानुसार हैं:
- 2016 श्रृंखला में कुल 88 केंद्रों को शामिल किया गया है, जबकि 2001 श्रृंखला में केवल 78 केंद्र ही शामिल थे।
- कामकाजी वर्ग की पारिवारिक आय और व्यय सर्वे के संचालन के लिए नमूना आकार, जिसके आधार पर भारण आरेख प्राप्त किए गए हैं, 2001 श्रृंखला में 41,040 से नई शृंखला में 48,384 परिवारों तक बढ़ाया गया था।
- खुदरा श्रृंखला के आंकड़ों के संग्रह के लिए चयनित बाजारों की संख्या भी 2016 की श्रृंखला के तहत 317 बाजारों तक बढ़ा दी गई है, जबकि 2001 श्रृंखला में 289 बाजारों को ही शामिल किया गया था।
- सूचकांक पेटी में सीधे रखे गए आइटमों की संख्या बढ़कर 463 आइटम हो गई है, जबकि 2001 की श्रृंखला में 392 आइटम ही शामिल थे।
- 2016 श्रृंखला के तहत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 28 हो गई जबकि 2001 शृंखला में यह संख्या 25 ही थी।
- नई श्रृंखला में, कीमतों और लागत के जीवन स्तर (एसपीसीएल) के तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के निर्देशानुसार, ज्यामितीय माध्य आधारित कार्यप्रणाली (जीएम ऑफ प्राइस रिलेटिव्स) का उपयोग सूचकांकों के संकलन के लिए किया जाता है, जबकि 2001 की श्रृंखला में अंकगणितीय माध्य का उपयोग किया जाता था।
पहले की श्रृंखला (1982 और 2001) की तुलना में नई श्रृंखला के तहत समूह स्तर का महत्व बदल गया है। खाद्य और पेय पदार्थों के प्रभाव समय के साथ कम हो गया है जबकि विविध समूह (स्वास्थ्य; शिक्षा और मनोरंजन; परिवहन और संचार; व्यक्तिगत देखभाल और प्रभाव; घरेलू सामान और सेवाएं आदि) के प्रभाव में 2016 श्रृंखला में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है। हाउसिंग ग्रुप के प्रभाव को भी समय के साथ बढ़ती हिस्सेदारी की सूचना है।
नई श्रृंखला के तहत, सितंबर, 2020 महीने के लिए हाउसिंग ग्रुप के लिये समूहवार सूचकांक 113 अंक है, जबकि पान, सुपारी, तंबाकू और नशीली दवाओं के समूह के 132 अंक है।
श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डी.पी.एस.नेगी ने कहा कि सीपीआई-आईडब्ल्यू (2001 =100) की पुरानी श्रृंखला का नई श्रृंखला 2016 = 100 से लिंकिंग फैक्टर 2.88 है। दोनों श्रृंखलाओं के बीच 65 कॉमन सेंटर हैं और कॉमन सेंटर्स के लिंकिंग फैक्टर की संख्या 2.38 से डूम-डूमा तिनसुकिया से नागपुर के लिये 3.60 तक है।
श्री नेगी ने कहा कि सितंबर, 2020 महीने के लिए औद्योगिक श्रमिकों (सीपीआईआईडब्ल्यू) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या, नए आधार 2016 = 100 पर जारी की गई है। सितंबर, 2020 के लिए नए आधार पर पहला सूचकांक 118 के स्तर पर है और नई श्रृंखला सूचकांक के आधार के लिए लिंकिंग फैक्टर पिछले आधार पर 2001 = 100 में 2.88 है।
नई श्रृंखला दायरे में व्यापक और परिप्रेक्ष्य में बड़ी है। पिछली श्रृंखला के 78 केंद्रों के मुकाबले नई श्रृंखला में यह संख्या बढ़कर 88 केंद्रों तक पहुंच गई है। औद्योगिक श्रमिकों के खुदरा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लिये बाजारों की संख्या में वृद्धि, 289 बाजारों के बजाय 317 बाजार और पुरानी श्रृंखला में 392 वस्तुओं के मुकाबले 463 वस्तुओं को एकत्र करना इसे चरित्र में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करता है और लक्षित आबादी के नवीनतम उपभोग स्वरूप को दर्शाता है।
पूर्ववर्तियों के विपरीत, नई श्रृंखला में एक ही सर्वेक्षण आधार वर्ष और मूल्य आधार है जो अपने आप में एक बड़ा सुधार है।इसे 4 साल से भी कम समय में जारी किया गया है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है।
स्टेटिस्टिक्स ऑफ प्राइस एंड कॉस्ट ऑफ लिविंग (टीएसी और एसपीसीएल) की तकनीकी सलाहकार समिति ने नई श्रृंखला को मंजूरी दे दी है। सीपीआई आईडब्ल्यू सबसे महत्वपूर्ण एकल मूल्य आंकड़े हैं और जिनके अपने वित्तीय निहितार्थ हैं। यह मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के महंगाई भत्ते को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। खुदरा कीमतों में मुद्रास्फीति को मापने के अलावा नियोजित रोजगार में न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण और संशोधन में भी इसका उपयोग किया जाता है।
अक्टूबर, 2020 महीने के लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू का अगला अंक शुक्रवार 27 नवंबर, 2020 को जारी किया जाएगा।