बता दें बीपीसीएल के पास 15,177 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी वितरक एजेंसियां हैं। साथ ही इसके पास 51 तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) बॉटलिंग संयंत्र भी हैं।  उल्लेखनीय है कि 20 नवंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीपीसीएल के निजीकरण का फैसला किया था। इसके तहत बीपीसीएल में सरकार की समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रबंधन नियंत्रण के साथ रणनीतिक निवेशक को बेची जाएगी।

 

देश में रोसनेफ्ट के 5,628 पेट्रोल पंप 

रोसनेफ्ट के पास नायरा एनर्जी लि. (पुराना नाम एस्सार आयल लि.) में 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नायरा के पास गुजरात के वाडिनार में दो करोड़ टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी का स्वामित्व और परिचालन है। कंपनी के देश में 5,628 पेट्रोल पंप भी हैं।  कंपनी भारत में अपने खुदरा ईंधन बिक्री नेटवर्क का विस्तार करना चाहती है। इससे बीपीसीएल को देश में 67,440 पेट्रोल पंपों मे से करीब 25 प्रतिशत पर सीधी पहुंच उपलब्ध होगी।

बीपीसीएल चार रिफाइनरियों की कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन 

बीपीसीएल चार रिफाइनरियों मुंबई, कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) का परिचालन करती है। इनकी कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन की है। इन रिफाइनरियों के पास देश की कुल 24.94 करोड़ टन की रिफाइनिंग क्षमता में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 30 लाख टन क्षमता को हटाने के बाद नए खरीदार को 3.53 करोड़ टन की रिफाइनिंग क्षमता मिलेगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को बेचा जा रहा है।

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