नई दिल्ली। कोरोना महामारी से पैदा हुई चुनौतियों से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए सरकार 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि देश में काम रहे लाखों एमएसएमई में से हिस्सेदारी खरीदने का आधार रेटिंग होगा। सरकार उच्च रेटिंग वाली कंपनियों में 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होंगी कंपनियां
इसके बाद उन कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा। अगले दो से तीन साल बाद बाजार में तेजी आएगी तक सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचकर मुनाफा वसूल लेगी। इसके बाद फिर से मिली हुई पूंजी को नए एमएसएमई में निवेश किया जाएगा जिससे उनकी पूंजी जरूरत को पूरा करने में मदद मिले। इस तरह एमसएमई कंपनियों की पूंजी जरूरत को पूरा करने के साथ उनका विस्तार भी होगा। गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत वित्त मंत्री ने 50 हजार करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने का ऐलान किया था।
दिवालिया होने का खतरा टलेगा
जाने-माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने हिन्दुस्तान को बताया कि देशभर में करीब छह करोड़ एमएसएमई अपना करोबार करते हैं। इनमें से करीब पांच से छह लाख मध्यम और बड़े श्रेणी के एमएसएमई हैं जिनका सालाना कारोबार 20 करोड़ से अधिक है। सरकार की तैयारी इक्विटी निवेश के जरिये इनको वित्तीय मजबूती देनी की है। मौजूदा समय में कोरोना संकट से अधिकांश एमएसएमई की वित्तीय स्थिति डावांडोल है जिससे उनके दिवालिया होने का खतरा है। इस कदम से वैसी कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर रोजगार सृजन में एमएसएमई का बड़ा योगदान है। इन कंपनियों की स्थिति मजबूत होने से रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी।
ऋण गारंटी योजना से मदद मिल रही
फेडरेशन आफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज के सेक्रेटरी जनरल, अनिल भारद्वाज ने हिन्दुस्तान को बताया कि एमएसएमई के लिए 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की योजना का लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। अभी तक करीब 80 हजार करोड़ रुपये का ऋण आवंटन इसके तहत किया गया है। एमएसएमई को लॉकडाउन खुलने के बाद कार्यशील पूंजी के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ा है। वह अपना काम आसानी से इस लोन के जरिये कर पा रहे हैं।
केन्द्र की ओर से दी गई मदद
- 3 लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रल फ्री (कोई गारंटी नहीं) लोन
- 4 वर्ष होगी कोलेट्रल फ्री लोन की समयसीमा और पहले एक साल मूलधन नहीं चुकाना होगा
- 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन फंड ऑफ फंड के जरिये
- 25 करोड़ तक का लोन 100 करोड़ टर्नओवर वाले एमएसएमई को मिलेगा
- 10 हजार करोड़ जो एमएसएमई विस्तार करना चाहते हैं उनके लिए आवंटित
चुनौतियां और चिंताएं बरकरार
- कोराना संक्रमण में तेजी आने से लॉकडाउन के बाद भी मांग नहीं बढ़ी
- कुशल कामगारों के पलायन से प्रोडक्शन को सुचारू रूप से चलाना मुश्किल
- चीन के साथ तनाव बढ़ने से कच्चे माल की आपूर्ति रुकने का खतरा
- माइक्रो श्रेणी के एमएसएमई का बंद होने का खतरा टला नहीं
वैश्विक स्तर पर एमएसएमई की स्थिति
5 अरब डॉलर का फंड दिया है चीन ने अपने देश के एमएसएमई सेक्टर को
15 अरब पांड निवेश करने का ऐलान ब्रिटेन ने किया है एमएसएमई सेक्टर के लिए
46.5 मिलयन डॉलर का रियायती लोन जापान ने दिया है म्यांमार के एमएसएमई को
2 खरब डॉलर का राहत पैकेज अमेरिका ने दिया है कोरोना से मुकाबला करने को
source : Hindustan