नई दिल्ली: लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) की 26 सीटों में से भाजपा ने 15 पर जीत हासिल की है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से इस क्षेत्र में ये पहला चुनाव है.
भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं कांग्रेस के नौ उम्मीदवारों की जीत हुई है. दो सीटें स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीती हैं. नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. क्षेत्र में पहली बार लड़ी आम आदमी पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लद्दाख भाजपा के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. उन्होंने लिखा, ‘एलएएचडीसी लेह में भाजपा की विशाल जीत स्पष्ट तौर पर दर्शाती है कि लद्दाख ने भाजपा और पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है.’
BJP’s landslide victory in Leh Autonomous Hill Development Council elections clearly reflects Ladakh’s unwavering trust in BJP and PM @narendramodi’s leadership.
I thank people of Ladakh for choosing development & prosperity.
Congratulations to our karyakartas of @BJP4Ladakh.
— Amit Shah (@AmitShah) October 26, 2020
शाह ने लद्दाख के लोगों को विकास और समृद्धि को चुनने के लिए शुक्रिया कहा.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लेह चुनावों में मिली जीत को ऐतिहासिक बताया और लद्दाख के लोगों का आभार जताया.
BJP's victory in Leh Autonomous Hill Development Council, Leh election is historic. BJP has won 15 out of 26 seats. I congratulate Shri @Jtnbjp and all karyakartas of @BJP4Ladakh unit.
Gratitude to the people of Ladakh for their faith in BJP.— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 26, 2020
बता दें कि कुल 89,776 पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 65 प्रतिशत लोगों ने 26 चुनाव क्षेत्रों में 294 मतदान केंद्रों पर बृहस्पतिवार को मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चुनाव में 94 प्रत्याशियों ने भाग लिया जिसमें से भाजपा और कांग्रेस के 26-26 उम्मीदवार थे. आम आदमी पार्टी ने भी पहली बार इस चुनाव में अपने 19 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था.
अक्टूबर 2015 में हुए चुनाव में भाजपा ने 26 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी. इस बार के चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिला है.
एलएएचडीसी लेह की नींव 1995 में रखी गई थी ताकि स्थानीय शासन को मजबूत किया जा सके. इसके अंतर्गत 30 सीटें आती हैं लेकिन चुनाव सिर्फ 26 पर ही होता है. बाकी बचे चार सीटों पर बहुमत हासिल करने वाली पार्टी सदस्यों को नामित करती है. नामित सदस्यों के पास वोटिंग का अधिकार नहीं होता है.