बिलासपुर (रतनपुर)। रतनपुर में जिस जामा मस्जिद से जमातियों को जोड़ा जा रहा है, उस जामा मस्जिद में जमातियों का आना ही मना है. रतनपुर के मुस्लिम समुदाय के लोगों के मुताबिक मस्जिद की दीवार पर ही लिखा है कि वहाबियों, शियाओ और देवबंदियों का प्रवेश ही निषेध है.
रतनपुर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद उस्मान के मुताबिक जिन 16 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन किया था. ये लोग गुरुवार को शब- ए- बारात पर रतनपुर के जूनाशहर स्थित बाबा हजरत सैय्यद मूशा शहीद की दरगाह पर फातेहा पढ़ने पहुंच गए थे. पुलिस मौके पर पहुंची और करैहापारा पारा निवासी 13 युवाओं के साथ 16 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया. इन सभी का और इनके परिवार का तबलीगी जमात से कोई लेना देना नहीं है.
कुरैशी का कहना है कि तबलीग जमात के लोग मज़ारों पर नहीं जाते. जबकि रतनपुर के मुस्लिम समाज के लोग उदार और सूफियाना परंपरा के हैं. उन्हें जमाती बताकर कुछ लोग रतनपुर के अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं.
उस्मान ने बताया कि जिन लोगों पर पुलिस ने करवाई की है उसमें से एक शहडोल का मूल निवासी हैं और एक दंपति कटघोरा के मूलनिवासी हैं जो काफी अरसे से यहीं रहे हैं. कर्फ्यू के उल्लंघन के लिए जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई हैं वे सभी युवा करैहापारा रतनपुर के ही मूल निवासी हैं.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर ये अफवाह उड़ाई जा रही है कि रतनपुर में 16 जमाती छिपे थे. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की है. इधर, पुलिस ने भी इस तरह के अफवाहों से बचने की अपील की है.

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