नई दिल्ली (आईपी न्यूज)। कोरोना महामारी भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक और विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी का राष्ट्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में उसका मनोबल तोड़ने में नाकाम रही है। संकट की इस घड़ी में इनटीपीसी राष्ट्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रही है। विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह के सहयोग और मार्गदर्शन में इस महारत्न कंपनी के प्रत्येक विद्युत केन्द्र का प्रदर्शन अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।

कोविड-19 संकट ने बिजली कंपनी के महत्व को रेखांकित किया है और उनकी अहमियत अब काफी बढ़ गई है क्योंकि अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों के सुचारु संचालन के लिए बिजली काफी अहम है। एनटीपीसी बिजली की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए कोयले की आपूर्ति का प्रबंधन भी कुशलता के साथ कर रही है।

एनटीपीसी जहां 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है, वहीं कंपनी के सभी संयंत्रों में लॉकडाउन और सामाजिक दूरी से संबंधित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। बिजली उत्पादन से इतर पीएसयू वंचित तबकों और प्रवासी कामगारों को राशन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराकर सामाजिक कल्याण की गतिविधियों में भी व्यापक योगदान दे रही है। एनटीपीसी का प्रबंधन नियमित रूप से हर घटनाक्रम की निगरानी कर रहा है, जिससे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के दौरान देश के हर कोने में पर्याप्त बिजली की आपूर्ति बनी रहे।

उसके विद्युत केन्द्रों में एनटीपीसी विंध्यांचल देश का सबसे बड़ा विद्युत केन्द्र है, जिसने 13 अप्रैल, 2020 को 100 प्रतिशत पीएलएफ हासिल किया और भारत के पहले अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल विद्युत केन्द्र एनटीपीसी खरगोन की दूसरी 660 मेगावाट की इकाई इस अवधि के दौरान व्यावसायिक हो गई, जिससे लॉकडाउन के बावजूद परिचालन के उत्कृष्टता की दिशा में एनटीपीसी की प्रतिबद्धता का पता चलता है।

62,110 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी के 70 विद्युत केन्द्र हैं, जिनमें 24 कोयला, 7 संयुक्त गैस/ तरल ईंधन, 1 पनबिजली, 13 नवीकरणीय ऊर्जा के साथ 25 संयुक्त उपक्रम विद्युत केन्द्र हैं।

 

 

 

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