क्या आपने ऊपर की तस्वीर देखी है…! ये बिल्कुल नायाग्रा झेरने की याद दिलाती है। घने जंगल के बीच प्राकृतिक खुबसूरती से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला का क्षेत्र कहां है ? क्या आप जाते हैं ? श्रीकाकुलम जिले के मंदास मंडल के बुडारिसिंगी से चार किलो मीटर दूर आंध्रा-ओडिशा के बीच कलिंगदल रिजर्वायर के ऊपरी हिस्से में पहाड़ों से गिरता है यह झरना। इसे बत्तरसाई झरना भी कहा जाता है। जंगलों के बीच हरियाली की चादर ओढ़े पहाड़ों की चोटी से स्वच्छ जलधारा नीचे गिरते हुए ये दूसरा झरना मंदस मंडल के चीपी पंचायत स्थित दालसरी नाम के एक छोटे से गांव का है।
श्रीकाकुलम : कोरोना लॉकडाउन काल में बाहरी दुनिया से परिचित हुए ये सुंदर झरने हैं। ये दो ही नहीं, भामिनी मंडल के नुलकजोड़ु गांव के निकट स्थित तुव्वाकोंडा में एक और झरने का पता चला है। लॉकाउन की पाबंदियों से परेशान बच्चों के मौज-मस्ती के लिए जंगल में जाने पर ये नए झरने दिखाई पड़े। इससे सबकी नजरें इन झरनो पर पड़ी है। सिक्कोलु जिले को गरीबों की ऊटी कहा जाता है। कहा जाता है कि राज्य के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ये क्षेत्र काफी ठंडा होता है।
एक तरफ समुद्री तट, दूसरी तरफ नागावली, वंशधारा, महेंद्र तनय नदियों केे अलावा जंगल और महेंद्रगिरी इस तरह एक नहीं, ठंड बढ़ाने वाले अनगिनत संसाधान सिक्कोलु में हैं।