कोरबा (आईपी न्यूज़)। विधानसभा चुनाव के साढ़े तीन साल पहले भाजपा ने एक ऐसा नेता को छत्तीसगढ़ राज्य की कमान सौंपी है, जिसकी पकड़ जमीनी कार्यकर्ता तक है। विष्णुदेव साय के सामने पार्टी को सत्ता में वापसी कराने के लिए माहौल तैयार करने कि चुनौती होगी। श्री साय एक ऐसी शख्सियत है जो सभी खेमे में फिट बैठती है। हालांकि उन्हें डॉ रमन सिंह का करीबी माना जाता है।

आइए जानते हैं भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के बारे में :

जशपुर जिले कांसाबेल ब्लॉक में 21 फरवरी 1964 को जन्म लेने वाले विष्णुदेव साय सरपंच से लेकर विधायक, सांसद, केंद्रीय राज्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर पूरा किया है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा तीसरी बार उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जवाबदारी दी गई है।

महज 26 वर्ष की आयु में जशपुर जिले के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव हुए। जिसमें वे लगातार दूसरी बार तपकरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक निर्वाचित हुए। 1999 के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने का अवसर मिला। उन्होंने अपने इस राजनीतिक सफर में प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व का भी बखूबी निर्वहन किया।

वे सात अगस्त 2006 को छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। प्रदेश अध्यक्ष व सांसद के दायित्व का निर्वहन करते हुए उन्होंने पार्टी को नई ऊर्जा प्रदान की। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में प्रदेश की 11 लोकसभा सीट में से 10 पर भाजपा ने परचम लहराया। जिसमें रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से उन्हें तीसरी बार सांसद निर्वाचित होने का अवसर प्राप्त हुआ। जबकि 2014 में वे चौथी बार रायगढ़ लोक सभा क्षेत्र के सांसद निर्वाचित हुए।

2008 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव हुए। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 29 विधानसभा क्षेत्र में से 20 सीट पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का खासा योगदान रहा।

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