कोरबा (IP News). देश के तीन बड़े निजी औद्यागिक प्रतिष्ठानों हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, जिंदल स्टील एंड पाॅवर लिमिटेड, वेदांता ने कोल इंडिया के साथ कोयला खरीदी का करार खत्म कर लिया है। इसके पीछे के कारणों ने कोल इंडिया के सारे दावों की पोल खोल दी है।
जानकारी के अनुसार जिंदल ने सीसीएल से तीन करार खत्म किए हैं। जिंदल ने कहा कि जून 2019 के बाद से खराब कोयले की आपूर्ति हो रही थी। इससे कंपनी की उत्पादन लागत बढ़ रही थी। हिंडाल्को ने भी यही कारण बताया है। वेदांता ने ईंधन आपूर्ति समझौता खत्म करने की वजह नहीं बताई है। इन तीनों बड़ी कंपनियों के अलावा दूसरी और उद्योग ने भी सीआईएल से कोयला खरीदी बंद कर दी है या फिर उठाव नहीं किया जा रहा है।
ये प्रमुख कारण बताए जा रहे:
- खराब गुणवत्ता वाले कोयले की आपूर्ति
- आॅक्शन की बहुत ऊंची कीमत
- परिवहन के दौरान कोयले की चोरी
- कारोबार में भ्रष्टाचार
- आपूर्ति बाधित होना
सीआईएल की बिक्री में आ रही बड़ी गिरावट!
यहां बताना होगा सीआईएल ने कहा था कि मांग में कमी आ रही है। बताया जा रहा है सीआईएल के कोयला बिक्री में करीब 21 फीसदी की गिरावट आ रही है। इधर, कोल इंडिया ने आॅक्शन की कीमत भी घटाई है। दूसरी और यह भी चर्चा है कि कोल इंडिया को डुबोने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है, ताकि निजीकरण को रफ्तार दी जा सके। बहरहाल वजह जो भी हो कोल इंडिया को झटका जरूर लग रहा है।