करीब दर्जन भर केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बजट पूर्व बैठक की। इस दौरान उन्होंने लाभ कमा रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण एवं विनिवेश को लेकर भी अपनी आपत्तियां दर्ज करायीं। उन्होंने साथ ही रोजगार सृजन पर जोर देने की बात भी कही।

बैठक के बाद कुछ यूनियन नेताओं ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अनुपस्थिति को लेकर नाखुशी जाहिर की। सीतारमण के नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के कारण ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता की।

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) महासचिव अमरजीत कौर ने कहा, ”वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हमें बजट पूर्व विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन हमारी बात राज्य मंत्री से हुई। उन्होंने बातचीत को चार व्यापक बिन्दुओं पर सीमित रखने की कोशिश की। ये चार पहलू हैं-श्रमिक का संरक्षण, कौशल विकास, रोजगार और वेतन।”

उन्होंने कहा, ”हम सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने अपने सभी बिन्दुओं को रखा। हमने 20,000 रुपये के न्यूनतम वेतन, 6,000 के न्यूनतम मासिक पेंशन और मनरेगा के तहत 200 दिन का तय रोजगार देने की मांग की है।’

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