लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के बीच राज्य में सरकारी विभागों में छह महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है. यूपी के नियुक्ति विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. यूपी में 6 महीने तक कोई हड़ताल नहीं होगी. निगम, प्राधिकरण, कार्यालय में हड़ताल निषिद्ध कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दिनों प्रमुख श्रमिक कानूनों को शिथिल कर दिया था. राज्य सरकार ने एक ऐसे अध्यादेश को मंजूरी दी जो प्रमुख श्रम कानूनों से छूट देता है और यह छूट 3 साल के लिए प्रभावी होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी. श्रमिक संघों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कानून, काम के विवादों को निपटाने, काम करने की स्थिति, अनुबंध आदि को मौजूदा और नए कारखानों के लिए तीन साल तक निलंबित रखा जाएगा.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां बहुत ज्यादा प्रभावित हुई हैं. लंबे समय तक सभी उद्योग बंद रहे. ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र की ग्रोथ को प्रोत्साहित करना बहुत महत्वपूर्ण है. नया अध्यादेश मौजूदा उद्योगों, विनिर्माण इकाइयों और नई फर्मों पर भी लागू होगा.
यूपी में कुछ श्रम कानूनों को छूट
हालांकि, योगी सरकार ने कुछ श्रम कानूनों को इस अध्यादेश की परिधि से बाहर रखा है. इनमें बॉन्डेड लेबर सिस्टम (उन्मूलन) अधिनियम 1976, कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम 1996 के तहत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के उपाय और मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने संबंधी मजदूरी अधिनियम 1936 अपने मूल स्वरूप में ही लागू रहेंगे.