कोरबा (आईपी न्यूज़)। भारतीय मजदूर संघ ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर आंदोलन फैसला लिया है। यह आंदोलन देशव्यापी होगा। बीएमएस द्वारा 20 मई को विरोध दिवस मनाया जाएगा। 30 व 31 मई को राज्य, कंपनी, उद्योग स्तर पर कन्वेंशन किया जाएगा। दूसरे श्रमिक संगठन भी श्रम कानूनों में बदलाव की मुख़ालफ़त कर रहे हैं।

बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था : जंगलराज की अनुमति नहीं दे सकते

बीएमएस ने श्रम कानूनों में इन बदलावों को श्रम कानूनों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन बताते हुए कहा था है कि इससे अराजकता की स्थिति बन जाएगी. बीएमएस के अध्यक्ष साजी नारायणन ने दिप्रिंट से कहा, ‘यह कोरोनावायरस के मुक़ाबले कहीं बड़ी महामारी साबित होगी। उन्होंने कहा था ‘ये समय श्रम सुधारों का नहीं है। हम जंगल राज की स्थिति नहीं बनने देंगे। हम मज़दूरों को उद्योग जगत के रहमोकरम पर नहीं छोड़ सकते। विभिन्न राज्य ऐसी स्थिति निर्मित कर रहे हैं कि मानो कोई कानून है ही नहीं।’

खुद की सरकार भी नहीं सुन रही

यहां बताना होगा कि बीएमएस आरएसएस का श्रमिक संगठन है। आरएसएस भाजपा की मातृ संस्था है। इसके बावजूद बीएमएस की आवाज भाजपा की सरकारें नहीं सुन रही हैं।

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