रायपुर (आईपी न्यूज़)। छत्तीसगढ़ राज्य के परिवहन विभाग द्वारा देश भर में लागू लॉकडाउन और भविष्य की व्यावसायिक स्थिति को देखेते हुए 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स पेनाल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत बस और ट्रक आपॅरेटरों को लगभग 221 करोड़ रुपए का फायदा होगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा संचालित एक मुश्त निपटान योजना के तहत बस-ट्रक ऑपरेटरों को वर्ष 2013 से 2018 तक शासन को देय राशि में से 110 करोड़ रुपए की पेनाल्टी को माफ किया जा रहा है। इस तरह परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिकों को कुल 331 करोड़ रुपए की राशि माफ की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 24 मार्च को आयोजित केबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव परिवहन तथा वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा रखा गया था, इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा बस-ट्रक ऑपरेटरों के हित को ध्यान में रखकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मंत्रिमंडल सहित तत्परता से सहमति प्रदान कर दी गई। कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल द्वारा इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव और इसमें लिए गए निर्णय को राज्य के परिवहन व्यवसाय के क्षेत्र में राहत पहुंचाने वाला एक सराहनीय कदम बताया गया। छत्तीसगढ़ सरकार के इस राहत भरे महत्वपूर्ण फैसले से राज्य में संकट की घड़ी में बस और ट्रक ऑपरेटरों को काफी लाभ मिलेगा।
परिवहन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि 1 अप्रैल 2013 से 31 दिसंबर 2018 के दौरान बस और ट्रक ऑपरेटरों को बकाया टैक्स तथा उस पर लगने वाले ब्याज की राशि का भी भुगतान एक अप्रैल से 30 सितम्बर 2020 तक करके वन-टाईम सेटलमेंट योजना का लाभ लिया जा सकता है। इसमें वाहन मालिक द्वारा टैक्स और ब्याज के भुगतान करने पर ही पेनाल्टी पर छूट प्राप्त की जा सकती है। यदि बकायादार वाहन मालिक के द्वारा योजना अवधि तक शासन को देय राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो योजना समाप्ति पश्चात टैक्स, पेनाल्टी तथा ब्याज सहित सम्पूर्ण बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी। इसके मद्देनजर परिवहन मंत्री श्री अकबर ने समस्त बकायादार वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में वन-टाईम सेटलमेंट योजना का भरपूर लाभ उठाएं।
परिवहन मंत्री अकबर ने यह भी बताया कि परिवहन विभाग द्वारा 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स, पेनाल्टी और ब्याज माफ करने की पहल की जा रही है। ट्रक ऑपरेटरों को त्रैमासिक और बस ऑपरेटरों को मासिक टैक्स अदा करना होता है। टैक्स पर लगने वाली पेनाल्टी एक साल की अवधि में टैक्स की राशि के बराबर ही हो जाती है। इसके साथ ही उस पर छह माह बाद 20 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के देशभर में लागू लॉकडाउन और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों को देखते हुए परिवहन विभाग द्वारा 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स पेनाल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का फैसला लिया गया है। परिवहन मंत्री श्री अकबर की पहल पर लिए गए यह निर्णय परिवहनकर्ताओं और वाहन मालिकों के लिए काफी राहत पहुंचाने वाला होगा। यह निर्णय निश्चित तौर पर वर्तमान में कोरोना के वजह से अर्थव्यवस्था में पड़ने वाले दुःष्प्रभाव से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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