भोपाल। कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने की अनिवार्यता एवं अन्य प्रोटोकाॅल क्या मध्य प्रदेश के राजनैतिक दलों, नेतागणों और कार्यकर्ताओं पर लागू नहीं होते? यह सवाल ना केवल मध्य प्रदेश के लोगों बल्कि दूसरे राज्यों के उन लोगों के मन में भी उठेगा, जिन्होंने शनिवार को ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया-बीजेपी के ‘मेगा शो’ और विरोध में सड़क पर उतरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बेलगाम हुजूमों की तसवीरें देखी होंगी।
मध्य प्रदेश में कोरोना का जबरदस्त प्रकोप है। संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार की संख्या को पार कर चुका है। इंदौर और भोपाल के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित ग्वालियर शहर ही है। कोरोना संक्रमण बेकाबू है और हर दिन सैकड़ों रोगी मध्य प्रदेश में मिल रहे हैं।
इसी वजह से ग्वालियर-चंबल संभाग में शनिवार से आरंभ हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘मेगा शो’ को लेकर स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अमला चिंतित था। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अमले की चिंता गलत नहीं थी। आज जब ‘मेगा शो’ शुरू हुआ तो यह बात सही साबित हो गई।
मध्य प्रदेश बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल संभाग में शनिवार से सदस्यता अभियान की शुरुआत की है। सदस्यता अभियान के तहत कांग्रेसियों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई जा रही है। सिंधिया उन सभी 16 विधानसभा क्षेत्रों में जा रहे हैं, जहां उपचुनाव होने हैं।
कोरोना प्रोटोकाॅल का उल्लंघन
बीजेपी के जलसे में सिंधिया के अलावा केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे। सभा भी हुई। सभा से पहले बड़ी तादाद में जुटे कार्यकर्ता और सिंधिया के समर्थक पुराने कांग्रेसी कोरोना प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करते नजर आये। ना तो सोशल डिस्टेसिंग नजर आयी और ना ही मास्क लगाने का पालन करते लोग दिखे।
मास्क लगाने में कोताही
मंच पर भी अनेक नेताओं के चेहरों से मास्क नदारद रहे। कार्यकर्ताओं और जलसे को संबोधित करते वक्त केन्द्रीय मंत्री तोमर के चेहरे पर मास्क नहीं दिखा। मंच पर बैठे बड़े नेताओं में पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और अन्य कई नेता भी मास्क के बिना दिखे। स्वयं मुख्यमंत्री का मास्क भी चेहरे के नीचे खिसका दिखाई पड़ा।
कोरोना संक्रमण की मार
बता दें, मुख्यमंत्री स्वयं कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। उनके काबीना के आधा दर्जन सदस्यों को कोरोना हुआ है। कुछ को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है तो कुछ अभी भी भर्ती हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया स्वयं कोरोना संक्रमित हुए थे।
कोरोना संक्रमण को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य प्रोटोकाॅल का पालन कराने के लिए शिवराज सरकार नित-नए उपाय और प्रयास कर रही है। दस दिनों का अतिरिक्त लाॅकडाउन भी सरकार ने भोपाल में लगाया। शनिवार और रविवार को टोटल लाॅकडाउन चलता रहा। अभी भी मप्र के कई शहरों में रविवार को पूर्ण लाॅकडाउन लागू है। इस हालात के बीच सत्तापक्ष के जलसे में इसका उल्लंघन होगा तो सवाल उठेंगे ही।
कांग्रेसियों ने किया नियमों का उल्लंघन
शनिवार को सिंधिया और बीजेपी ने अपनी ताकत दिखाई तो वहीं कांग्रेस ने भी सिंधिया की मुखालफत में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। बड़ी तादाद में कांग्रेसी सिंधिया के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे। कांग्रेसियों की भीड़ में भी कोरोना प्रोटोकाॅल का खुला उल्लंघन होता नजर आया। सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी के अलावा मास्क ना लगाये चेहरे भी बड़ी संख्या में भीड़ में दिखाई दिए।
सिंधिया वापस जाओ’ का नारा
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर आगमन पर पलक-पांवड़े बिछाने वाले कांग्रेसी आज उलटी मुद्रा में नजर आये। इन्होंने ‘सिंधिया वापस जाओ, गद्दार वापस जाओ’ के नारे लगाए। ‘सिंधिया वापस जाओ’ के नारों से ग्वालियर की गलियां देर तक गूंजती रहीं। कांग्रेसियों ने सिंधिया को काले झंडे भी दिखाए।