चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार (10 अप्रैल) को कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए बताया कि आने वाले समय में कोरोना वायरस (कोविड-19) से स्थिति और भयावह हो सकती है। उन्होंने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे कुछ सीनियर और टॉप मेडिकल ऑफिसर्स ने उम्मीद जताई है कि कोविड-19 सितंबर के मध्य तक अपने चरम पर होगा और इस वायरस की वजह से देश की 58 प्रतिशत आबादी संक्रमित होगी, जबकि पंजाब के 87 फीसद लोग प्रभावित होंगे।”

मुख्यमंत्री के मुताबिक, “पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में सितंबर के मध्य में कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर होगा और देश की 58 फीसदी आबादी इसकी चपेट में होगी।” पंजाब में शुक्रवार (10 अप्रैल) सुबह कोरोना का दो नए मामले सामने आने के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 132 हो गई है। इस बीमारी से राज्य में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

किसानों को लॉकडाउन में ढील

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल से किसानों को फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन में ढील दी जाएगी और इसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा। सिंह ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ”हमने पहले लॉकडाउन किया और बाद में कर्फ्यू लगाया। फिर लोगों तक जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने की व्यवस्था की। हमारे लोग हर मोहल्ले में पहुंचकर जरूरी वस्तुएं मुहैया करा रहे हैं।”

केंद्र के 15 हजार करोड़ नाकाफी
केंद्र सरकार की ओर दिए जा रहे पैकेज के बारे में पूछे जाने पर अमरिंदर ने कहा, ”15 हजार करोड़ रुपए पर्याप्त नहीं है। हमारे देश की 1.30 अरब की आबादी में यह कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, ”राज्यों की स्थिति ऐसी स्थिति नहीं है वे अकेले लड़ सकें। केंद्र को उनकी पूरी मदद करनी चाहिए।”

तबलीगी जमात से जुड़े 27 लोग कोरोना संक्रमित
सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान एक बात अच्छी हुई कि इस दौरान नशीली दवाओं की आपूर्ति ठप हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि तबलीगी जमात से जुड़े 651 लोग पंजाब आए थे, जिनमें से 636 का पता लगा लिया गया है। इनमें से 27 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

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