नई दिल्ली। उद्योग जगत के लगभग 30 हस्तियों ने, जो सीआईआई के सदस्य भी हैं, दो दिवसीय गोलमेज बैठक में भाग लिया और नए एसटीआईपी 2020 के लिए अपने विचार और सुझाव साझा किए। इन प्रतिभागियों ने सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए सतत आर एंड डी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के बारे में भी चर्चा की। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने उद्योग जगत और शिक्षा जगत के बीच अधिक सहयोग और जीडीपी के प्रतिशत के रूप में आर एंड डी में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

विचार-विमर्श में उद्योग को आर एंड डी को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रोत्साहन और मान्यता देने और इस उद्देश्य के लिए सीएसआर फण्ड के उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास और आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए उद्योग जगत, शिक्षा जगत और सरकार में कार्यप्रणाली निर्माण के लिए सीएसआर निधियों के उपयोग करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई।

नई विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति एसटीआईपी 2020 के निर्माण के लिए आयोजित उच्च स्तरीय उद्योग परामर्श गोलमेज बैठक के दूसरे दिन, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन और डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने उद्योग को अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रोत्साहन और मान्यता देने और इस उद्देश्य के लिए सीएसआर फण्ड के उपयोग करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।

अपने उद्घाटन संबोधन में प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि विनियामक प्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है और सीएसआर व्यवस्था को व्यापक बनाया जाना चाहिए ताकि इसमें आर एंड डी गतिविधियों को शामिल किया जा सके।

प्रो आशुतोष शर्मा ने दीर्घकालिक व प्रभावी नीति की आवश्यकता पर बल दिया, जो आरएंडडी में उद्योग जगत से निवेश आकर्षित करने तथा ज्ञान सृजनकर्ताओं के साथ ज्ञान उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए कमजोर कड़ी की पहचान करने में सक्षम हो।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी ने आर एंड डी के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शैक्षणिक प्रणाली में सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान, विशिष्ट आरएंडडी कार्यक्रम, उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को खोलना, आईपी मूल्यांकन, आपसी सहयोग तथा प्रभावी अनुवाद संबंधी अनुसंधान आदि को तत्काल मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और विज्ञान नीति मंच के सहयोग से एसटीआईपी 2020 सचिवालय ने दो दिवसीय गोलमेज बैठक को वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से आयोजित किया। यह सत्र आगामी एसटीआईपी 2020 के लिए उद्योग जगत की हस्तियों से सुझाव आमंत्रित करने पर केंद्रित था। एसटीआईपी 2020 एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति के निर्माण के लिए पहली बार आयोजित उच्च स्तरीय उद्योग परामर्श है, जिसमे विकेंद्रीकृत और समावेशी प्रक्रिया को अपनाया गया है। इसका लक्ष्य व्यापक सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए प्राथमिकताओं, क्षेत्र आधारित फोकस और अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास की रणनीति का फिर से निर्धारण करना है।

पीआई इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और एमडी सलिल सिंघल; कीएंट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बीवीआर मोहन रेड्डी; ब्लू स्टार लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन; हाइटेक ग्रुप के चेयरमैन दीप कपूरिया; थर्मैक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ  एमएस उन्नीकृष्णन; स्नैपडील के संस्थापक और सीईओ कुणाल बहल; मास्टेक लिमिटेड के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष अशंक देसाई; तेजस नेटवर्क्स लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक संजय नायक; परसिस्टेंट के अध्यक्ष  आनंद देशपांडे,; महिंद्रा- वेस्ट टू एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के सीईओ पलानप्पन पी; टीसीएस के सीटीओ के अनंत कृष्णन; रिलायंस के समूह अध्यक्ष अजीत सप्रे; स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के ग्रुप सीटीओ डॉ बद्री गोमतम और डीसीएम श्रीराम के निदेशक केके कौल जैसे उद्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों ने एसटीआईपी 2020 पर अपनी दृष्टि और अपेक्षाएं साझा की।

एसटीआईपी 2020 सचिवालय के प्रमुख और डीएसटी के सलाहकार डॉ अखिलेश गुप्ता ने एसटीआईपी 2020 सचिवालय द्वारा शुरू किए गए ट्रैक 1 से ट्रैक 4 तक, एसटीआईपी 2020 निर्माण प्रक्रिया की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सरकार की कुछ प्रमुख उम्मीदों को उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा।

पूरे एसटीआईपी 2020 नीति-निर्माण प्रक्रिया के समन्वय और क्रियान्वयन के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा एसटीआईपी 2020 सचिवालय को संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है।

पीएसए के कार्यालय और डीएसटी द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी 2020) की संयुक्त रूप से शुरुआत की गयी थी क्योंकि भारत और विश्व कोविड -19 संकट के मद्देनजर बदलाव की प्रक्रिया में हैं। नई नीति इस साल के अंत तक जारी होने की उम्मीद है, जो 2013 में तैयार की गयी मौजूदा नीति की जगह लेगी।

एसटीआईपी 2020 की निर्माण प्रक्रिया 4 ट्रैक में आयोजित की गयी है, जिसके तहत नीति निर्माण के लिए लगभग 15,000 हितधारकों से परामर्श किया जायेगा। ट्रैक I के अंतर्गत विज्ञान नीति फोरम के माध्यम से आम लोगों व विशेषज्ञों से नीति प्रारूपण प्रक्रिया के दौरान और बाद में परामर्श प्राप्त किये जायेंगे। फोरम आम लोगों व विशेषज्ञों से इनपुट प्राप्त करने के लिए एक समर्पित मंच है। ट्रैक II में नीति-निर्माण प्रक्रिया में साक्ष्य-आधारित सिफारिशों के साथ विशेषज्ञों के विषयगत परामर्श शामिल हैं। इस उद्देश्य के लिए इक्कीस (21) विषयगत समूहों का गठन किया गया है। ट्रैक III में मंत्रालयों और राज्यों के साथ परामर्श शामिल है, जबकि ट्रैक IV के तहत शीर्ष स्तर के बहु-हितधारक परामर्श प्राप्त किये जायेंगे।

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