नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 की वैक्सीन के अच्छी खबरों की वजह से पिछले कई दिनों से सोने के रेट में गिरावट देखने को मिली। 50000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर चुके सोने के हाजिर भाव में नरमी आ रही है। वहीं चांदी इस दौरान महंगी हुई है। अगर पिछले दस दिनों की बात करें तो सोना सस्ता हुआ है। शुक्रवार को देशभर के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 49145 रुपये पर बंद हुआ था।
अगर इन 10 दिनों में चांदी की बात करें तो यह 765 रुपये प्रति किलोग्राम मजबूत होकर 50975 रुपये पर पहुंच गई है। चांदी में आई जोरदार तेजी की मुख्य वजहों में कोरोना के प्रकोप के चलते कीमती धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान है। 2020 की पहली छमाही में निवेश मांग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
तारीख | शाम का रेट (रुपये/10 ग्राम) | शाम का रेट (रुपये/ किलो ग्राम) |
17 जुलाई 2020 | 49,145 | 51,740 |
16जुलाई 2020 | 49,267 | 52,085 |
15 जुलाई 2020 | 49,250 | 52,195 |
14 जुलाई 2020 | 49,117 | 51,355 |
13 जुलाई 2020 | 49,324 | 51,780 |
10 जुलाई 2020 | 49,320 | 50,975 |
स्रोत: IBJA
बता दें लॉकडाउन खुलने और औद्योगिक मांग बढ़ने से चांदी की चमक सोने के मुकाबले बढ़ गई है। चांदी का भाव गुरुवार को घरेलू वायदा बाजार में फिर सात साल की नई ऊंचाई 53,199 रुपये प्रति किलो को छुआ। वहीं, अप्रैल से चांदी की कीमत में 33.2 फीसदी का उछाल आया है जबकि सोने की कीमत में इस दौरान 7.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।
महंगा है पर अभी फायदा का सौदा है सोना
दो साल में सोने ने 55% रिटर्न दिया, पिछले छह महीने में ही 24% तक बढ़ इसकी कीमत बढ़ चुकी है। वहीं इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की डायरेक्टर तान्या रस्तोगी कहती हैं, ‘लोगों को 50000 रुपये पर सोना महंगा लग सकता है, लेकिन सोना खरीदने का अब भी अच्छा समय है। दिवाली तक कीमत 82000 रुपए से पार जा सकती है।’
विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बीच जारी वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने में तेजी का दौर जारी रह सकता है। सोने के दाम में तेजी पिछले एक दशक से जारी है। सितंबर 2018 से सोना 55 फीसद तेज है। इस साल 6 महीने में ही 24 प्रतिशत की तेजी आई है। अगले 2 साल में सोने के भाव प्रति 10 ग्राम 20000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकते हैं।
पहली तिमाही में सोने का आयात 94 प्रतिशत घटा
देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 94 प्रतिशत घटकर 68.8 करोड़ डॉलर या 5,160 करोड़ रुपये पर आ गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। सोना आयात देश के चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है। कोविड-19 महामारी की वजह से सोने की मांग में गिरावट आई है, जिससे सोने का आयात भी नीचे आ गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सोने का आयात 11.5 अरब डॉलर या 86,250 करोड़ रुपये रहा था।
चांदी का आयात भी 45 प्रतिशत घटा
इसी तरह आलोच्य तिमाही के दौरन चांदी का आयात भी 45 प्रतिशत घटकर 57.5 करोड़ डॉलर या 4,300 करोड़ रुपये रह गया। सोने और चांदी के आयात में कमी से अप्रैल में देश का व्यापार घाटा (आयात और निर्यात का अंतर) कम होकर 9.12 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 45.96 अरब डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि व्यापार घाटा कम होने से भारत ने जनवरी-मार्च की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.1 प्रतिशत या 60 करोड़ डॉलर का चालू खाते का अधिशेष दर्ज किया।
भारत सालाना 800 से 900 टन सोने का करता है आयात
एक साल पहले समान अवधि में 4.6 अरब डॉलर या जीडीपी का 0.7 प्रतिशत का चालू खाते का घाटा दर्ज हुआ था। पिछले साल दिसंबर से सोने का आयात लगातार घट रहा है। मार्च में सोने का आयात 62.6 प्रतिशत, अप्रैल में 99.93 प्रतिशत, मई में 98.4 प्रतिशत और जून में 77.5 प्रतिशत घटा था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का आयातक है। यहां मुख्य रूप से आभूषण उद्योग के लिए सोने का आयात किया जाता है। भारत सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है।
Source : Hindustan