मिस्र की स्वेज नहर में करीब एक सप्ताह से फंसे मालवाहक जहाज ‘एवर गिवेन’ को चैनल के किनारे से हटा दिया गया है। मिस्र के अधिकारियों ने बताया कि जहाज की दिशा को 80 प्रतिशत तक ठीक कर लिया गया है। इस अच्छी खबर से उम्मीद जगी है कि जल्द ही नहर में यातायात फिर से शुरू हो जाएगा, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आएगी। पिछले मंगलवार को नहर के अवरुद्ध हो जाने के बाद कीमतें बढ़ गई थीं।
स्वेज नहर प्राधिकरण – एससीए के प्रमुख और डच कंपनी स्मिट सालवेज ने सप्ताह के आखिर में नहर के किनारे से दो लाख टन वजन के जहाज को पहुंचाने के लिए जहाज को खिंचने वाली नौकाओं का इस्तेमाल किया। नहर में लहर उठने से पहले जहाज को आगे लाने का काम भारतीय समय के अनुसार दोपहर तीन बजे फिर से शुरू किया गया। जहाज को किनारे लाने की कार्रवाई के दौरान कार्यदलों ने यह सुनिश्चित किया कि जहाज का संतुलन न बिगड़े और अलग से टूट न जाए।
इस बीच, पोत के तकनीकी प्रबंधन के प्रभारी ने बताया कि जहाज पर चालक दल के सभी 25 भारतीय सदस्य सुरक्षित और स्वस्थ हैं। ऑल इंडिया सीफर्स एंड जनरल वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अभिजीत सांगले ने कहा कि उन्हें बर्नहार्ड शटल शिप मैनेजमेंट-बीएसएम से जानकारी मिली है कि बोर्ड में शामिल 25 भारतीय तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कुछ उत्तर भारत के हैं।
नौवहन महानिदेशक अमिताभ कुमार ने कहा कि जहाज पर चालक दल सुरक्षित है, इसलिए नौवहन महानिदेशालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि घटना का ज्यादातर असर व्यापार पर पड़ेगा।
इस बीच, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा जहाजरानी महानिदेशालय ने मुंद्रा स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और हजीरा बंदरगाह से कहा है कि वे एक कार्यनीति तैयार करे ताकि स्वेज नजर खुल जाने के बाद एक से अधिक जहाजों को एक साथ जगह दी जा सके। तटीय ऑपरेटरों से कहा गया है कि फीडर पोत तैयार रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर कंटेनर भारतीय तट के निकट लाए जा सके।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि मिस्र के स्वेज नहर में करीब एक सप्ताह से फंसे मालवाहक जहाज एवर गिवन फिर से आगे बढ़ने के लिए तैयार है और अपने स्वयं के इंजन का उपयोग कर रहा है। आज एक ट्वीट में, श्री मंडाविया ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि अगले चार-पांच दिन में यातायात सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के शिपिंग और लॉजिस्टिक उद्योग के लिए एक बड़ी खबर है। श्री मंडाविया ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों को इसके सभी प्रभावों को कम करने के लिए तैयार कर दिया गया है।