हिंदुजा परिवार में जायदाद पर खड़ा बखेड़ा अब खुलकर सामने आ गया है। ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने हिंदुजा समूह से संरक्षक एस पी हिंदुजा की पुत्री वीनू हिंदुजा को उनकी जगह नियुक्त किया है। अन्य हिंदुजा बंधु गोपीचंद (80 वर्ष) और प्रकाश (75 वर्ष) और अशोक हिंदुजा (69 वर्ष) स्विटजरलैंड स्थित हिंदुजा बैंक पर नियंत्रण कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने 2014 के एक पत्र का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि समूह की सभी परिसंपत्तियों पर सभी का अधिकार है और हरेक व्यक्ति एक दूसरे को अपना एग्जीक्यूटर नियुक्त करेगा।
बैंक का मालिकाना हक इस समय लंदन स्थित एस पी हिंदुजा के पास है और न्यायालय के दस्तावेज के अनुसार वे अस्वस्थ होने के कारण कामा-काज नहीं देख पा रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि एस पी हिंदुजा के अस्वस्थ होने और दायित्व नहीं निभा पाने के कारण उनकी पुत्री वीनू हिंदुजा उनकी (एस पी) जगह दायित्व निभाएंगी। वीनू के भाई इसके लिए राजी नहीं हैं। हिंदुजा की एक अन्य पुत्री शानू हिंदुजा हिंदुजा बैंक में चेयरपर्सन है और पुत्र करम हिंदुजा पिछले सप्ताह मुख्यकार्याधिकारी (सीईओ) नियुक्त किए गए हैं। भाई और उनके बच्चे दुनिया के कई हिस्सों में विभिन्न प्रकार की कंपनियां चलाती हैं, जो बैंकिंग (इंडसइंड बैंक), वाहन (अशोक लीलैंड), बीपीओ, रसायन, बिजली उत्पादन और मीडिया आदि
कारोबार से जुड़ी हुई हैं। ब्लूमबर्ग के बिलियनर्स इंडेक्स में हिंदुजा भाइयों की संयुक्त संपत्ति 11.2 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है।
ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने परिवार की दूसरी कानूनी कार्रवाई की ओर भी इशारा किया। 80 के दशक में बोफोर्स तोप घोटाला मामले में भी एस पी हिंदुजा का नाम उछला था।
source : Business Standard