पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पुलिस ही सवालों के घेरे में है। ऐसी ही एक घटना में शामिल सिपाही को पीलीभीत पुलिस कप्तान ने जांच के बाद शनिवार को संस्पेंड कर दिया। इस सिपाही ने एक सप्ताह पूर्व पांच लोगों के विरुद्ध सब्जी में थूक लगाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। आला अधिकारियों की जांच में मामला झूठा पाया गया और सिपाही के विरुद्ध कार्रवाई हुई।एफआईआर भी रद्द कर दी गई।
सिपाही अंकित का कहना था कि सारे लोग घटना स्थल से भाग गए थे, ऐसे में सवाल ये कि आखिर फिर पांचों लोगों का नाम कैसे पता? जिस पर सिपाही अंकित का कहना था कि इन लोगों ने अपने नाम खुद बताए थे। हालांकि इस कहानी पर शुरू से सवाल उठ रहे थे। लोग इसे एक समुदाय को परेशान करने की कोशिश मानने लगे। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। आनन फानन में इलाके के ठेका चौकी इंचार्ज संजीव कुमार और सिपाही अंकित को लाइन हाज़िर कर दिया गया। थाना प्रभारी श्रीकांत द्विवेदी के विरोध जांच बैठा दी गई। डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी अभिषेक दीक्षित दोनों के संज्ञान में मामला आने के बाद यह कार्रवाई हुई। एफआईआर को तुरंत रद्द कर दिया गया। कहानी में रोमांच था और रहस्य भी।
घटना के बाद इलाके में विरोध बढ़ने लगे, जिसके बाद एसपी पीलीभीत अभिषेक दीक्षित ने एफआईआर को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। सिपाही और उसका चौकी इंचार्ज लाइन हाज़िर कर दिया गया और इंस्पेक्टर कोतवाली के विरुद्ध जांच के आदेश कर दिए गए। कप्तान ने स्वयं जांच कराई और शनिवार को सिपाही अंकित कुमार को इस मामले में दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया।