ग्यारह राज्यों ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। ये राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, राजस्थान और उत्तराखंड।
वित्त मंत्रालय ने वक्तव्य में कहा है कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने प्रोत्साहन के तौर पर इन राज्यों को 15 हजार सात सौ 21 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी है। अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों से राज्यों को अपने पूंजीगत व्यय को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि पूंजीगत व्यय का उच्च गुणक प्रभाव होता है जिससे भविष्य के लिए अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता बढ़ती है और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक विकास की उच्च दर हासिल होती है। राज्यों को उधार के लिए पात्र बनने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक निर्धारित लक्ष्य का कम से कम 15 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के अंत तक 45 प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही के अंत तक 70 प्रतिशत हासिल करने की आवश्यकता होती है। 31 मार्च 2022 तक शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना होता है।
राज्यों के पूंजीगत व्यय की अगली समीक्षा दिसम्बर 2021 में की जाएगी जिसमें 30 सितंबर, 2021 तक की अवधि के पूंजीगत व्यय की समीक्षा की जाएगी।
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