नई दिल्ली।  अगर आपके पास रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का शेयर 14 मई तक हैं तो आपके पास कमाई का बड़ा मौका है। आरआईएल ने 53,125 करोड़ रुपये के भारत के सबसे बड़े राइट इश्यू के लिए रिकॉर्ड तिथि 14 मई तय की है। इस दिन कारोबार की समाप्ति पर जो इकाई कंपनी की के शेयरधारकों में होगी वह इन निर्गम में शेयर के आवेदन करने की पात्र होगी।  एशिया के सबसे बड़े रईस अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी ने 30 अप्रैल को राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी। यह लगभग तीन दशक में आरआईएल द्वारा लाया जा रहा इस तरह का पहला निर्गम है।

1257 रु भाव, 1:15 का अनुपात

इस निर्गम के तहत प्रत्येक 15 शेयर पर एक शेयर की पेशकश की जाएगी। यानी पहले से मौजूद 15 शेयरों पर 1 शेयर खरीदा जा सकता है। निर्गम के तहत एक शेयर कीमत 1,257 रुपये होगा, जो 30 अप्रैल के बंद भाव के मुकाबले 14 प्रतिशत कम है।  आरआईएल के शेयर के भाव तब से बढ़कर 1,561.80 (शुक्रवार का बंद भाव) रुपये पर आ गए हैं, लेकिन राइट इश्यू की कीमत यथावत बनी रहेगी।  कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, ”हम आपको सूचित करते हैं कि कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा गठित राइट्स इश्यू कमेटी ने राइट एंटाइटेलमेंट पाने के हकदार इक्विटी शेयरधारकों के निर्धारण के लिए ‘रिकॉर्ड तिथि’ के रूप में गुरुवार, 14 मई 2020 की तारीख तय की है।

कंपनी ने बताया कि राइट इश्यू के खुलने और बंद होने की तारीख के बारे में अलग से बताया जाएगा।  आमतौर पर नकदी की कमी से जूझ रही कंपनियां राइट इश्यू लाती हैं। आरआईएल कर्ज चुकाने के लिए यह निर्गम ला रही है। राइट पेशकश के जरिए कंपनियां मौजूदा शेयरधारकों को घटी दरों पर नए शेयर खरीदने का अधिकार देती हैं, लेकिन उन पर ऐसा करने की बाध्यता नहीं होती। आरआईएल ने अंतिम बार 1991 में परिवर्तनीय ऋणपत्र जारी कर जनता से धन जुटाया था।

कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने राइट इश्यू से संबंधित प्रक्रिया को स्पष्ट किया

कोराना वायरस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने सोमवार को कंपनियों द्वारा राइट इश्यू के बारे में कुछ प्रक्रियागत जरूरतों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। मंत्रालय ने एक सर्कुलर में कहा है कि राइट इश्यू लाने वाली कंपनियां यदि अपने शेयरधारकों को डाक से अथवा कूरियर से नोटिस नहीं भेज पातीं हैं तो कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसे कंपनी कानून के नियमों का उल्लंघन नही माना जायेगा।

सर्कुलर में कहा गया है कि यह राहत 31 जुलाई 2020 तक खुलने वाले राइट इश्युओं के लिए उपलब्ध होगी। हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यह राहत तभी लागू होगी जब कंपनी ने इश्यू लाने के मामले में बाजार नियामक सेबी के नियमों और प्रक्रियाओं का पूरी तरह पालन किया होगा। कारपोरेट कार्य मंत्रालय को इस संबंध में कई ज्ञापन प्राप्त हुये थे जिनमें सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरधारकों को इस तरह के नोटिस जारी करने के तौर तरीकों के बारे में मंत्रालय से स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। सेबी ने 6 मई को 31 जुलाई 2020 तक खुलने वाले राइट इश्युओं के बारे में प्रक्रियागत नियमों को पूरा करने को लेकर कंपनियों को कुछ राहत प्रदान की थी।

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