महज 22 माह की बच्ची जीवन और मौत से संघर्ष कर रही है। बच्ची को नया जीवन देने के लिए लगभग 16 करोड़ रुपए कीमत की दवा की आवश्यकता है। अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी रकम आएगी कहां से, लेकिन 16 करोड़ रुपए की व्यवस्था हो सकती है। क्योंकि इस बच्ची का वास्ता कोल इंडिया परिवार से है। कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया प्रबंधन के संज्ञान में न केवल इसे लाना होगा, बल्कि दबाव भी बनाना होगा।
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यहां बात हो रही है सीआईएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी एसईसीएल के दीपका परियोजना में नियोजित सतीश कुमार रवि और उनकी 22 माह की पुत्री सृष्टि रानी की। सृष्टि रानी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नामक बीमारी से पीड़ित है और एक फरवरी, 2021 से वेंटिलेटर पर है। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उपचारार्थ सृष्टि रानी की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को Zolgensma नाम की दवा (देखें AIIMS द्वारा जारी पत्र) की जरूरत है। इस दवा की कीमत लगभग 16 करोड़ रुपए है।
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बच्ची का परिवार इतना सक्षम नहीं है कि 16 करोड़ रुपए का खर्च वहन कर सके। चुंकि पिता बतौर कोयला कामगार देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। ऐसे में कोल प्रबंधन का भी फर्ज बनता है कि अपने कंपनी सामाजिक उत्त्रदायित्व कार्य के तहत बच्ची को नया जीवन देने आगे आए। तमाम कोयला कामगारों और श्रमिक संगठनों को भी चाहिए की वे सृष्टि रानी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपए कीमत की दवा उपलब्ध हो सके, इसके लिए एक मुहिम छेड़े।
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साभार : CIL Facebook Page