भारत के घरेलू कोयला उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है। कोयला उत्पादन 2019-20 में 730.87 एमटी (मिलियन टन) से बढ़कर 2021-22 में 778.19 मिलियन टन हो गया है, जिससे 6.47%की वृद्धि हुई है।
कोयले के उत्पादन की बढ़ती प्रवृत्ति ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में और बढ़त हासिल कर ली है और देश के कुल कोयला उत्पादन ने अप्रैल’ 2022 से जनवरी’ 2023 तक की अवधि के दौरान 698.25 एमटी के उत्पादन के साथ 16% से अधिक की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है।
इस अवधि में, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का खुद का उत्पादन भी 478.12 एमटी से लगभग 15.23% बढ़कर 550.93 एमटी हो गया है। घरेलू कोयला उत्पादन में वृद्धि ने देश को बिजली की खपत में लगातार वृद्धि के कारण कोयले की मांग में हो रही तेज वृद्धि की वजह से आयात पर काफी हद तक अंकुश लगाने में मदद की है।
कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 1.31 बीटी (बिलियन टन) का लक्ष्य तय किया है और इसी तरह वित्त वर्ष 30 तक इसे 1.5 बीटी तक पहुंचाने का लक्ष्य है। मंत्रालय नई कोयला खदानों को शुरू करने और वर्तमान में परिचालन खानों में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न राज्य सरकार और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा कर रहा है।
इस तरह की पहल के परिणामस्वरूप, कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से उत्पादन से अप्रैल’ 2022 से जनवरी 2023 तक जबकि वित्त वर्ष 21-22 की उसी अवधि के दौरान यह 71.31 एमटी था जिसमें 30 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखी गई है।