धनबाद। कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) में गलत कागजों के सहारे सेवानिवृत्ति में एक साल से कम शेष होने की जानकारी देकर सैकड़ों कर्मियों ने 90 फीसदी तक पीएफ राशि निकाल ली। इन लोगों ने लगभग 21 करोड़ रुपये की निकासी कर ली। बीसीसीएल मुख्यालय ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे 297 कर्मियों को चार्जशीट सौंप रही है। दिसंबर से चार्जशीट देने की कार्रवाई चल रही है।
गोरखधंधे में शामिल आठ अधिकारियों पर भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। विजिलेंस जांच में ऐसे 303 मामले पकड़ में आए थे। वहीं छः कर्मियों की मौत हो चुकी है, उनकी फाइल बंद करने पर विचार हो रहा है। लोदना, बस्ताकोला, ईजे एरिया झरिया व सीसीडब्ल्यू के कर्मियों के मामले जांच में पकड़े गए। इन कर्मियों ने कागजों में हेराफेरी कर दर्शाया कि उनकी नौकरी एक साल से कम बची है, जबकि हकीकत यह नहीं थी। लोदना एरिया में सबसे ज्यादा 209 मामले पकड़ में आए। बीसीसीएल के निदेशक कार्मिक आरएस महापात्र ने सोमवार को महाप्रबंधक कार्मिक को आदेश दिया कि इस प्रकरण में इंक्वायरी अफसर बहाल करें। इस पूरे प्रकरण में महाप्रबंधक, कार्मिक प्रबंधक, पीएफ क्लर्क सहित पांच दर्जन लोग जांच के घेरे में हैं। ये दोषी पाए गए तो डिमोशन तक की कार्रवाई हो सकती है। इधर, आरएस महापात्र, डीपी बीसीसीएल ने कहा है कि गड़बड़ी करने वाले कर्मियों को चार्जशीट दे रहे हैं। अधिकारियों के मामले में जांच चल रही है। गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।