प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्डरिंग मामले की जांच के सिलसिले में हरियाणा की एक कंपनी की 227 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है।
ईडी के अधिकारीयों ने एक बयान में यह जानकारी दी है। बयान के अनुसार, ये संपत्ति हिसार, दिल्ली, नोएडा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में स्थित जमीन के तौर पर प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिसार (हरियाणा) से संबंधित है।
जाँच एजेंसी ने कहा कि प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और कंपनी के अन्य अधिकारियों ने गलत बयान दिए और तथ्यों को छुपाया जिसमें कोयला ब्लॉक आवंटन प्रक्रिया के लिए अर्हता हासिल करने के लिए झूठी उत्पादन क्षमता और गलत आर्थिक स्थिति प्रस्तुत करना और 2003 में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित चोटिया कोयला ब्लॉक को धोखाधड़ी से हासिल करना शामिल है।
ईडी ने बताया कि कोयले की खुदाई साल 2006 में आरंभ हुई। बाद में, सर्वोच्च न्यायालय ने सितंबर 2014 में कोयला ब्लॉक के आवंटन को निरस्त कर दिया। हालांकि, खुदाई वर्ष 2015 तक चलती रही।
बयान के अनुसार, जांच में पाया गया कि 2006- 2015 के दौरान गैर कानूनी रूप से खुदाई किए गए कोयले की कीमत 951.77 करोड़ रुपये है, जिसे अपराध की आमदनी के रूप में पहचाना गया है। जांच एजेंसी ने कहा कि इस पैसे का उपयोग प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण में किया गया था।
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