बालकोनगर। वेदांता समूह (Vedanta Group) की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला से 500 से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए। शिक्षाप्रद रचनात्मक और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को अनेक कलाओं और व्यक्तित्व विकास के विविध पहलुओं से परिचित कराया गया।
बालको संचालित सामुदायिक विकास कार्यक्रम की ‘परियोजना कनेक्ट’ के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला का उद्देष्य आसपास स्थित शासकीय स्कूलों और संसाधन केंद्रों के शैक्षणिक वातावारण को उत्कृष्ट बनाना था। विभिन्न गतिविधियों के जरिए छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक स्तर और शिक्षकों की क्षमता बढ़ोत्तरी में मदद मिलेगी। इसके साथ ही कार्यशाला के जरिए शासकीय स्कूलों के कक्षा 9वीं से 12वीं के प्रतिभागियों को विज्ञान, अंग्रेजी, गणित, लेखाशास्त्र जैसे विषयों में उपलब्ध कैरियर संभावनाओं से अवगत कराया गया।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संगठन सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से बालको आयोजित एक पखवाड़े के कार्यशाला में संयंत्र के आसपास स्थित क्षेत्रों के जरूरतमंद बच्चों ने भागीदारी की।
बच्चों को अनेक मनोरंजक गतिविधियांे के जरिए व्यक्तित्व विकास के गुर सिखाए गए। बालकोनगर स्थित शासकीय कन्या स्कूल और ग्राम सोनपुरी स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में सहभागिता सुनिश्चित की।
आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी और नए कौशल के जरिए समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन में उत्कृष्टता की दृष्टि से शिविर मंे बच्चों को हस्तकला, चित्रकला, नृत्यकला, संगीत, रंगमंच, कैलीग्राफी आदि कलाओं के प्रशिक्षण दिए गए। किशोरों को शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व से परिचित कराने के लिए योग-प्राणायाम, जुंबा सहित अनेक खेलकूद गतिविधियां आयोजित की गईं। प्रतिभागियों को व्यक्तिगत सुरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया।
बालको में कार्यरत कर्मचारियों ने ग्रीष्मकालीन षिविर में बढ़चढ़ कर भागीदारी की। ‘‘बैक टू बेसिक्स’’ कार्यक्रम के अंतर्गत कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विज्ञान, अंग्रेजी, गणित आदि विषयों के टूशन दिए। इससे विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम संबंधी आधारभूत सिद्धांतों को समझने में मदद मिलेगी। प्रतिभागियों के चैतरफा व्यक्तित्व विकास के लिए बालको कर्मचारियों ने संवाद कला का प्रशिक्षण दिया। साइबर सिक्योरिटी, पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूकता के लिए डाॅक्यूमेंट्री फिल्मों को प्रदर्शन किया गया।
बालको टाउनशिप में रहने वाले कर्मचारियों के बच्चों के लिए आयोजित ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास कार्यशाला में प्रतिभागियों को अनेक कलाओं और रचनात्मक गतिविधियों के जरिए दिनचर्या में स्वस्थ आदतों के विकास, भोजन के दौरान आवश्यक श्रिश्टाचार और कौशल संबंधी पहलुओं से परिचित कराया गया। प्राथमिक उपचार प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला के जरिए बच्चों ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी आदतों के विकास और सामान्य चोट लगने पर पट्टी बांधने के तरीके सीखे। मिट्टी कला प्रशिक्षण के दौरान घूमते पहिए पर मिट्टी को अनेक आकार लेते देखना प्रतिभागियों के लिए सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहा। इस कला का प्रशिक्षण बालको के स्वयं सहायता समूहों ने दिया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को कंप्यूटर, मोबाइल फोन, विडियो और इनडोर डेस्क गेम्स से स्वयं को दूर रखने में मदद मिली साथ ही उन्हें ग्रामीण भारत की समृद्ध कला से परिचित होने का अवसर मिला। एक पखवाड़े के दौरान 6 से 14 वर्ष के बच्चे पारस्परिक संवाद और मित्रता विकसित करने के कौशल से भी रूबरू हुए।
शिविर के प्रतिभागी ऋषिकेष कैवत्र्य ने बताया कि उन्हें बालको आयोजित ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर में पहली बार भागीदारी का अवसर मिला। चित्रकला, कैलीग्राफी सहित अनेक कलाओं का प्रशिक्षण उनके लिए रोमांचक रहा। कार्यशाला के अनुभव उनकी स्मृति में सदैव बने रहेंगे। भविष्य में अधिक से अधिक प्रतिभागियों को बालको आयोजित ग्रीष्मकालीन शिविर का हिस्सा बनना चाहिए ताकि उन्हें उत्कृष्ट व्यक्तित्व निर्माण में मदद मिल सके।
बालको प्रबंधन प्रति वर्ष ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर आयोजित करता है। शिविर में प्रतिभागियों को विभिन्न कलाओं के जरिए समग्र व्यक्तित्व विकास में मदद मिलती है। प्रतिभागियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और सीखने, नए अवसर ढूंढने तथा कौशल निर्माण में उनकी मदद के प्रति बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।