बिलासपुर, 28 मार्च। केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों एवं विभिन्न मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल कोल सेक्टर में भी हो रही है। यूनियन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सीआईएल की अनुषांगिक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटिड (SECL) में पहले दिन हड़ताल का 70 फीसदी प्रभाव रहा है। आंकड़ों के साथ एक रिपोर्ट जारी की गई है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हड़ताल 29 मार्च को भी होगी।
सीटू के वरिष्ठ श्रमिक नेता वीएम मनोहर ने बताया कि एसईसीएल के 13 कोयला उत्पादन एरिया में पांच में हड़ताल 90 प्रतिशत सफल रही है। औसतन हड़ताल का 70 फीसदी असर पड़ा है। 11वां वेतन समझौता सहित खदानों का निजीकरण इत्यादि मुद्दे, जिसको लेकर हड़ताल की जा रही।
यहां बताना होगा कि हड़ताल को सफल बनाने कोल सेक्टर के सेंट्रल यूनियन इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस पिछले कई दिनों से जुटे हुए थे।
यूनियन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार खदानवार हड़ताल का असर :
रायगढ़ – 90 %, कोरबा – 90%, कुसमुंडा- 60%, गेवरा- 65%, दीपका- 62%, भटगांव- 90%, बैकुंठपुर- 90%, चिरमिरी- 30%, बिश्रामपुर- 60%, जोहिला- 85%, जमुना एवं कोतमा- 55%, सोहागपुर- 30%, हसदेव- 90%
इधर, प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल में आज पहली पाली में एक आम कार्य दिवस की तुलना में एसईसीएल में सकल रूप से उपस्थिति लगभग 70 प्रतिशत रही वहीं दूसरी पाली में उपस्थिति 85% रही है। पहली पाली में उत्पादन पर कोई असर नहीं देखा गया है ।
दो दिवसीय हड़ताल में श्रमिक संगठन बीएमएस सम्मिलित नहीं है।