अफगानिस्तान में कल शाम काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए दो आत्मघाती हमले और बंदूकधारियों द्वारा गोलीबारी में 13 अमरीकी सैनिकों सहित कम-से-कम 73 लोगों की मौत हो गई जबकि एक सौ पचास लोग घायल हो गए।
ये दोनों विस्फोट अफगानियों द्वारा अमरीकी सैनिकों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में घुसने के प्रयास में हुए, जहां अमरीकी सैनिकों द्वारा तालिबान के कब्ज़े के बाद इस युद्धग्रस्त देश से आम लोगों की सुरक्षित वापसी कराई जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि यह आत्मघाती हमला हवाई अड्डे के एब्बे द्वार पर हुआ और उसके बाद बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। दूसरा आत्मघाती हमला हवाई अड्डे के बाहर एक होटल में हुआ। अमरीकी रक्षा विभाग ने कहा है कि कई अमरीकी नागरिक घायल हुए हैं।
अमरीकी सेन्ट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनिथ फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि यह विस्फोट अमरीका को अफगानिस्तान से अमरीकी नागरिकों सहित अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी के प्रयास को विफल नहीं कर सकता है।
इस विस्फोट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट, आई.एस.आई.एस.-खुरासान ने ली है।
काबुल स्थित अमरीकी दूतावास ने हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाहर हुए धमाके के बाद चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों से कहा है कि वे हवाई अड्डे की ओर न जाएं। फ्रांस के राजदूत ने भी अपने नागरिकों को हवाई अड्डे के इलाके को तुरंत खाली करने को कहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान के दो सबसे प्रमुख नेताओं पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला को तालिबान ने सुरक्षित नज़रबंद कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने इस आतंकी हमले की निंदा की है और इस विस्फोट में हताहत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि काबुल की स्थिति लगातार खराब हो रही है और उनका देश अमरीका के साथ लोगों की सुरक्षित वापसी के अभियान में पूरा सहयोग कर रहा है। नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने हमले की निंदा की है और अफगानिस्तान से लोगों की सुरक्षित वापसी जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि इस हमले के बावजूद ग्रेट ब्रिटेन लोगों की सुरक्षित वापसी का अभियान जारी रखेगा।
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