बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। उनके पिता हिंदी जगत के मशहूर कवि रहे हैं। उनकी मां का नाम तेजी बच्चन था। उनके एक छोटे भाई भी हैं जिनका नाम अजिताभ है।
अमिताभ का नाम पहले इंकलाब रखा गया था लेकिन उनके पिता के साथी रहे कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर उनका नाम अमिताभ रखा गया। अमिताभ बच्चन शेरवुड कॉलेज, नैनीताल के छात्र रहे हैं। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरीमल कॉलेज से की थी। पढ़ाई में भी वो काफी अव्वल थे और कक्षा के अच्छे छात्रों में उनकी गिनती होती थी। कहीं ना कहीं ये गुण उनके पिताजी से ही आए थे क्योंकि वो भी जानेमाने कवि रहे थे।
अमिताभ बच्चन को जन्मदिन की शुभकामनाएं मात्र 11 अक्टूबर को ही नहीं दी जातीं। नजदीकी मित्र 2 अगस्त को भी उन्हें हैप्पी बर्थडे कहते हैं। जी हां, बिग बी साल में दो बार अपना बर्थडे मनाते हैं और ऐसा है उनकी जिंदगी में हुए एक बड़े हादसे की वजह से। बात हो रही है कुली की शूटिंग के दौरान हुई उस दुर्घटना की जिसके बाद लगा था कि अब बॉलीवुड अमिताभ बच्चन को खो देगा।
इस हादसे में शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर ने अमिताभ बच्चन को पंच मारा तो वह गलती से उनके स्नायु गुच्छ (Solar Plexus) में जा लगा था। यह हादसा 1982 में हुआ था, जब मनमोहन देसाई कर्नाटक यूनिवर्सिटी के कैंपस में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग कर रहे थे। उस समय कोई नहीं जानता था कि इस हादसे का इतना गहरा असर होगा।
दरअसल वह सीन अमिताभ के डुप्लीकेट द्वारा फिल्माया जाना था, लेकिन अमिताभ ने खुद करने का निर्णय लिया। उन्हें टेबल पर गिर कर जमीन पर लुढ़कना था। लेकिन जैसे ही उन्होंने टेबल की तरफ छलांग लगायी, टेबल का कोना उनकी पेट में जा लगा जिससे उनकी तिल्ली (Spleen) फट गई। परिणामस्वरूप बेहिसाब खून बहने लगा।
उन्हें तुरंत पीले रंग की वोक्सवैगन गाड़ी में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया और वहां भर्ती कराया गया। अमिताभ को उस समय असहनीय दर्द हो रहा था। देखभाल में लगे डाक्टरों ने उनको तत्काल मुंबई शिफ्ट करने की सलाह दी। बच्चन को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां सर्जरी कर उनकी तिल्ली को निकाल दिया गया। कुछ समय तक अमिताभ की स्थिति नाजुक बनी रही। डाक्टर चौबीसों घंटे निगरानी करते रहे। सचाई तो यह है कि चिकित्सकीय भाषा में अमिताभ 11 मिनट तक मृत रहे।
वहीं पुन: होश में लाने की डाक्टरों ने कोशिश शुरू की और इसके लिए अमिताभ के हृदय में एड्रेनलिन इंजेक्शन दिया उम्मीद की जाने लगी कि अमिताभ फिर से वापस आ जायेंगे। इसी बीच जया बच्चन ने अमिताभ बच्चन के अंगूठे में हलचल देखी और चीख पड़ीं कि ‘देखिये वे जिंदा हैं।’ एक इंजेक्शन का यह कमाल था कि अमिताभ फिर से होश में आ गए।
टीनू आनंद बताते हैं कि अमिताभ ने फिल्म ‘मेजरसाहेब’ में इस सीन को लेने का सुझाव दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। जया बच्चन ने जो पंक्तियां वास्तविक जीवन में कही थीं, वही अजय देवगन ने फिल्म में कही। तब से 30 साल बाद आज तक केतन देसाई, मनमोहन देसाई के बेटे, कई और लोग भी बच्चन को काल करके हैप्पी बर्थडे कहते हैं।