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नई दिल्ली। देश में 80 कोल ब्लाॅक्स की नीलामी हो रही है। इनमें छोटे ब्लॉक भी शामिल हैं। देश की कोई भी कंपनी बिना किसी प्रतिबंध के इसमें हिस्सा ले सकती है। इस संबंध में सरकार ने सभी स्टेकहोल्डर्स से नियमों एवं शर्तो से संबंधित राय भी मांगी है। इसे लेकर 25 फरवरी को सीएमपीडीआई में एक बैठक होगी। बैठक में कोयला मंत्रलय एवं सीएमपीडीआइ के उच्चाधिकारी भी हिस्सा लेंगे।

कोयला खनन क्षेत्र को खोलने की सरकार दिखा रही इच्छा। बता दें कि 1973 में कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण के बाद सिर्फ सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को खुले बाजार में कोयले की बिक्री का अधिकार है। इसमें कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। जिन निजी कंपनियों के पास कोयला खदानें हैं, वे उत्पादित कोयले का उपयोग सिर्फ स्टील निर्माण, सीमेंट बनाने और बिजली उत्पादन के लिए कर सकती हैं। हाल में भारत सरकार ने कोयले की बिक्री को लेकर कंपनियों को अनुमति देने के लिए कोयला खनन क्षेत्र को खोलने की इच्छा प्रकट की है। इसके साथ ही, कोयला ब्लॉक से उत्पादित कोयले को बाजार में बेचने की छूट के साथ नीलामी की पहल की गई है। कोयला मंत्रलय द्वारा विचाराधीन 80 कोयला ब्लाॅक्स की सूची नीलामी के लिए सीएमपीडीआइ की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 

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