नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। 7 जनवरी को होने वाले श्रमिक संगठनों के संयुक्त कन्वेंशन के पूर्व कोल इंडिया (CIL) प्रबंधन ने 3 जनवरी, 2023 को जेबीसीसीआई (JBCCI) की 8वीं बैठक बुलाई है। इस निर्णय से यह पता चलता है कि प्रबंधन हड़ताल जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं करना चाहता है। 3 जनवरी को बुलाई गई बैठक इस रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
यहां बताना होगा कि कोल सेक्टर में 11वें वेतन समझौते को लेकर आंदोलन का आगाज हो चुका है। आंदोलन के दूसरे चरण के तहत 7 जनवरी, 2023 को रांची में संयुक्त कन्वेंशन के आयोजन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस कन्वेंशन में हड़ताल का प्रस्ताव लाया जाना है। तीन से पांच दिनों की कामबंद हड़ताल को लेकर निर्णय लिए जाने की तैयारी है। कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों तथा सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में यह हड़ताल होगी। हड़ताल होने की स्थिति में कोयला उत्पादन और प्रेषण का कार्य खासा प्रभावित हो सकता है।
रांची में होने वाले कन्वेंशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। सीएमपीडीआईएल कैंपस में होने वाले इस कन्वेंशन में श्रमिक संगठन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से एक हजार लोग जुटेंगे। एक हजार लोगों की आवास व्यवस्था के लिए आवासीय टेंट लगाए जाएंगे और भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी।
MGB पर अटकी हुई वार्ता
यहां बताना होगा कि 30 नवम्बर को सीआईएल मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक बगैर नतीजा खत्म हो गई थी। यूनियन ने अपनी मांग से नीचे आते हुए 28 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। सीआईएल प्रबंधन 10.50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ा। प्रबंधन ने साफ कहा कि डीपीई का ऑफिस मेमोरेंडम इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देता है। डीपीई की गाइडलाइन में छूट के बगैर वेतन समझौता संभव नहीं है।
सीआईएल प्रबंधन के इस रवैये पर यूनियन ने आंदोलन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया। 9 दिसम्बर को सीआईएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के एरिया में विरोध दिवस मनाने तथा 7 जनवरी को रांची में संयुक्त कन्वेंषन किए जाने का निर्णय लिया गया। संयुक्त कन्वेंशन में आंदोलन के आगे की रणनीति तय किया जाने की बात कही गई।