नई दिल्ली, 27 मार्च। कोयला कामगारों के मेडिकल अनफिट (Medical Unfit) यानी 9.4.0 मुद्दे को लेकर कोयला मंत्री द्वारा कही गई बातों का विरोध शुरू हो गया है। कोल सेक्टर के श्रमिक नेता कोयला मंत्री पर गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं।
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सीटू (CITU) के वरिष्ठ नेता एवं जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामनंदन ने कहा कि कोयला मंत्री का कथन सत्य से परे है। बैठक में सीआईएल चेयरमैन ने 9.4.0 को फिर से शुरू किया जाना असंभव बताया था, लेकिन यूनियन ने इसका विरोध किया था। यूनियन नेता चेयरमैन की बात से सहमत नहीं थे। श्रमिक संगठनों ने 9.4.0 फिर लागू से नहीं करने को लेकर किसी प्रकार की सहमति नहीं दी है।
एचएमएस (HMS) के वरिष्ठ नेता और जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पाण्डेय ने कहा कि कोल इंडिया (CIL) प्रबंधन ने 9.4.0 के बारे में कोयला मंत्री को गलत जानकारी दी है। इसका एचएमएस खंडन करता है। श्रम संघों ने इस बात का विरोध किया था और अपनी असहमति जताई थी। मंत्री जी का जवाब कोल इंडिया द्वारा दिए गए गलत तथ्य पर आधारित है। श्री पाण्डेय ने कहा कि इस मुद्दे के विरुद्ध विरोध दर्ज करते हुए HKMF- HMS ने NCWA- X में हस्ताक्षर नहीं किया था, इसका पुरजोर विरोध किया गया।
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कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी (Coal Minister G Kishan Reddy) द्वारा कामगारों के अनफिट मुद्दे को लेकर आप के राज्यसभा सांसद को लिखे पत्र ने श्रमिक संगठनों के बीच हड़कंप मचा दिया है। दरअसल इस पत्र के अनुसार 9.4.0 को फिर लागू से नहीं करने को लेकर यूनियन नेताओं ने सहमति दी थी। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 9.4.0 के मुद्दे को जोरदार तरीके से संसद में उठाया था। अनफिट कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने वाल इस विषय को लेकर संजय सिंह द्वारा कोयला मंत्री को पत्र भी लिखा गया था, इसका जवाब कोयला मंत्री ने दिया।