यह सिस्टम की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि जीते जी मजदूरों की कोई कीमत नहीं समझी गई और मरने के बाद भी उनके साथ बदसलूकी हो रही है। औरैया हादसे (Auraiya Accident) में मारे दए मजदूरों के शवों के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है। औरैया सड़क हादसे के शिकार मजदूरों के शवों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजा रहा था। यही नहीं उसी ट्रक पर शवों के साथ घायल मजदूरों को भी बिठा दिया गया था।
झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले पर ट्वीट किया और तब जाकर यूपी प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में शवों को शव वाहन में शिफ्ट किया गया। सीएम हेमंत सोरेन ने इसे अमानवीय करार दिया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ‘यह स्थिति अमानवीय और अत्यंत संवेदनहीन है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से अपील है कि शव को सम्मान के साथ झारखंड बॉर्डर तक भेज दिया जाए।’
यह स्थिति अमानवीय एवं अत्यंत संवेदनहीन है।
.@BokaroDc .@JharkhandPolice झारखण्ड की सीमा में प्रवेश करते ही घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करें। साथ ही मृतकों के पार्थिव को पूरे सम्मान के साथ उनके घर तक पहुँचाने का इंतज़ाम कर सूचित करें। https://t.co/qzGaUtuM4A
— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) May 17, 2020
प्रयागराज में रोका गया मजदूरों का ट्रक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रकों को प्रयागराज में दिल्ली-हावड़ा नैशनल हाइवे पर रोका गया। बताया जा रहा है कि बोकारो जा रहे जिस ट्रक पर आठ शवों के साथ मजदूरों को बिठाए जाने की तस्वीर झारखंड सीएम ने ट्वीट की थी उसे भी बाकी ट्रकों के साथ एनएच-2 पर रोका गया। पूरे हाइवे को छावनी में तब्दील कर दिया गया और एक तरफ के रास्ते के ब्लॉक कर दिया गया।
5 घंटे तक हाइवे पर खड़े रहे ट्रक
यहां करीब 5 घंटे तक ट्रक खड़े रहे जिसके बाद वहां ऐंबुलेंस पहुंची और शव वाहन पहुंचे। शवों को उसमें शिफ्ट करके भेजा गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘एक ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि शवों से इतनी तेज दुर्गंध आ रही थी कि आगे भी बैठना मुश्किल हो रहा था।’ बताया जा रहा कि करीब 17 शवों को 3 ट्रकों में भरकर झारखंड के बोकारे और पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था। इनमें से 12 शव झारखंड भेजे जाने थे।
मृतक मजदूरों का नहीं हुआ था कोविड-19 टेस्ट
बताया जा रहा है कि मृतक मजदूरों के नाक और मुंह में चूना घुसा हुआ था जिस वजह से कोविड-19 जांच के लिए उनका सैंपल नहीं लिया जा सका था और न ही उनका टेस्ट हो पाया।
24 मजदूरों की हुई थी मौत
बता दें कि 16 मई को औरैया में मजदूरों से भरे दो ट्रक देर रात 2:45 बजे नैशनल हाईवे पर टकरा गए। इसमें 24 मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि 40 घायल हुए थे। मजदूर चूने लदी बोरियों के नीचे ही दब गए थे। बताया गया कि अधिकतर की मौत उनके मुंह और नाक में चूना घुसने की वजह से हुई।