कोरबा (आईपी न्यूज)। कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन ने अनेक परेशानियां खड़ी की हैं पर नागरिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नई बातें सीखने और जीवन को गति देने का रास्ता खोज लिया है।
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) प्रबंधन ने अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ पर वेबीनार के माध्यम से एक कार्यशाला आयोजित की। बालको अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्मिता प्रसाद ने बालको क्षेत्र की लगभग 100 महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को स्त्री स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न भ्रांतियों और स्वच्छता संबंधी जानकारी दी।
डॉ. श्रीमती प्रसाद ने वेबीनार के माध्यम से प्रतिभागियों को यह बताया कि प्रत्येक महिला और किशोरी बालिका का यह अधिकार है कि वह स्त्री स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी वैज्ञानिक पहलुओं को जाने और भ्रांतियों तथा कुरीतियों से दूर रहे। डॉ. प्रसाद ने यह भी बताया कि ऋतुस्राव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है परंतु कुप्रथाओं और अशिक्षा के कारण अनेक महिलाएं स्वच्छता के सही उपायों को अमल में नहीं लातीं। इसके कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं का आह्वान करते हुए डॉ. प्रसाद ने कहा कि वे अपनी पुत्रियों को स्त्री स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी सही जानकारी दें। किसी भी भ्रम की स्थिति में वे चिकित्सक से संपर्क करें। डॉ. श्रीमती प्रसाद ने प्रतिभागियों को कोविड-19 से बचाव, सैनिटाइजर के प्रयोग, बार-बार साबुन से हाथ धोने, पारस्परिक दूरी बनाए रखने, भीड़भाड़ वाले स्थानों में न जाने व बाजार में दूसरे लोगों से पर्याप्त दूरी बनाए रखने के महत्व से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि सावधानी से ही कोराना वाइरस से बचाव संभव है।
वेबीनार के माध्यम से कार्यशाला आयोजित करने से पूर्व सामुदायिक विकास विभाग ने प्रतिभागी महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को स्मार्ट फोन में एप डाउनलोड करने और उसके प्रयोग का प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण भी सोशल मीडिया एप के जरिए दिया गया। वेबीनार की प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट आयोजन के लिए बालको प्रबंधन को साधुवाद दिया। महिलाओं ने बताया कि स्मार्टफोन के जरिए कार्यशाला में भागीदारी का यह उनका पहला अनुभव था। चिकित्सक ने स्त्री स्वास्थ्य संबंधी सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कोविड-19 से लड़ाई के खिलाफ बालको ने अनेक नवाचार किए हैं जिनकी प्रशंसा छत्तीसगढ़ शासन के अनेक प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सी.आई.आई. आदि वाणिज्यिक संगठनों ने की है। महामारी से निपटने की दिशा मंे बालको ने स्थानीय नागरिकों की मदद के लिए जिला प्रशासन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, कर्मचारियों और उनके परिवारजनों, व्यावसायिक साझेदारों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली है। जिन परिवारों के समक्ष जीवन यापन संकट उत्पन्न हो गया है ऐसे परिवारों की मदद लॉकडाउन के दौरान की जा रही है।