कोरबा (IP News). अन्य प्रांत या कोरोना हाॅटस्पाॅट वाले शहरों से आकर क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा क्वारेंटाइन नियमों का पालन नहीं करने पर एक साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बाहर से आने वाले सभी लोगों से क्वारेंटाइन और होम क्वारेंटाइन के लिए कोविड प्रोटोकाल तथा निर्धारित नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने क्वारेंटाइन नियमों का पालन कर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहयोग करने की अपील भी लोगों से की है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले में अन्य राज्यों से आये व्यक्तियों और प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिले में प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के लिए निःशुल्क एवं सशुल्क क्वारेंटाइन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। अन्य प्रांतों से आने वाले सक्षम लोग अपनी सुविधानुसार पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए ठहर सकते हैं। इन दोनों सुविधाओं के अतिरिक्त अब अन्य राज्यों से अपने निजी वाहन या हवाई यात्रा कर जिले में लौटे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा होम क्वारेंटाइन की सुविधा देने की भी तैयारी कर ली गई है। अपने निजी वाहन से या हवाई जहाज से यात्रा कर कोरबा जिले में लौटे लोग जिला प्रशासन को आने की सूचना देकर शपथ पत्र भरकर होम क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए अपने घरों में अलग कमरों में क्वारेंटाइन रह सकेंगे।
इस दौरान इन सभी लोगों को कोविड-19 प्रोटोकाल और समय-समय पर शासन द्वारा निर्धारित नियमों का अनिवार्यतः पालन करना होगा। सशुल्क एवं निःशुल्क क्वारेंटाइन सेंटरों में 14 दिन की अवधि पूरी करने एवं कोविड टेस्ट की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सेंटरों से विमुक्त किये गये लोगों को भी अगले 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा। होम क्वारेंटाइन में रखे गये सभी लोगों को क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले सार्वजनिक स्थलों पर जाने, कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत छह महिने की कैद या एक हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त ऐसे मामलों में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत एक वर्ष का कारावास भी हो सकता है। होम क्वारेंटाइन किये गये व्यक्ति द्वारा नियमों का उल्लंघन करने में सहयोग करने वाले पारिवारिक सदस्यों के विरूद्ध भी इसी प्रकार की कार्यवाही हो सकती है।