कोरबा (IP News). दूसरे दिन भी कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनियों में हड़ताल का असर दिख रहा है। एसईसीएल के गेवरा, दीपका, कुसमंुडा व कोरबा परियोजना में गिनती के लोग ही काम पर उपस्थित हुए हैं। दीपका क्षेत्र के बीएमएस नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने बताया कि दूसरे दिवस दीपका क्षेत्र में मुश्किल से 20-22 की ही उपस्थिति हूुई। पहले दिन की अपेक्षा इसमें और कमी आई है। गेवरा, कुसमुंडा और कोरबा में हाजिरी बहुत कम है। इंटक नेता गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि हड़ताल के शत प्रतिशत सफल होने से सरकार पर दबाव बढ़ा है। शुक्रवार की सुबह से ही श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी खदान क्षेत्रों में डट गए थे। प्रशासन और प्रबंधन ने सुरक्षा बल भी बड़ी संख्या में तैनात कर रखा है। एसईसीएल की इन चारों माइंस में उत्पादन प्रभावित हुआ है।
इधर, कोयला मंत्री से लेकर सीआईएल और इसकी अनुषांगिक कंपनियां अपील पर अपील जारी कर रही हैं। सीआईएल के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने गुरुवार रात अपील जारी कर फिर दोहराया कि सरकार ने आश्वस्त किया है कि कोल इंडिया के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कामगारों से राष्ट्रहित में काम पर वापस लौटने की अपील की।