IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) की शुरुआती 8 टीमों में से एक डेक्कन चार्जर्स (Deccan Chargers) को टर्मिनेट करना BCCL को बहुत भारी पड़ गया है। इस केस में कोर्ट ने एक आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था जिसने BCCL के खिलाफ अपना फैसला दिया है। आर्बिट्रेटर ने BCCL पर 4800 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई है।  डेक्कन चार्जर्स का मालिकाना हक पहले डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स (DCHL) के पास था।

यह मामला 2012 का है। तब हैदराबाद के एक मीडिया ग्रुप ने IPL टीम से DC को हटाने पर BCCI के फैसले को चुनौती दी थी। बोर्ड ने 15 सितंबर 2012 को लीक के गवर्निंग काउंसिल की आपातकालीन बैठक बुलाकर डेक्कन चार्जर्स को IPL से निकाल दिया था।

डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स (DCHL) ने इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट गई। डेक्कन चार्जर्स को लीग से हटाने के बाद बोर्ड ने हैदराबाद फ्रेंचाइजी के लिए बोली मंगानी शुरू कर दी थी। यह बोली सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन ने जीता था।

हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज सी के ठक्कर  को 8 साल पहले आर्बिट्रार नियुक्त किया था। शुक्रवार को आर्बिट्रार ने अपना फैसला डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स (DCHL) के पक्ष में दिया।

 

 

Source : Money Control

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