नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्रमिक संग़ठन भारतीय मजदूर संघ ने दावा किया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में श्रम कानूनों में बदलाव वाले अध्यादेशों को रद्द कर दिया है. इन अध्यादेशों के द्वारा तीनों सरकारों ने श्रमिक हितों वाले कई कानूनों को निलंबित कर दिया था.

हालांकि श्रम मंत्रालय ने अभी इस खबर की पुष्टि नहीं की है. गौरतलब है ​कि श्रम कानून संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है. यानी इसके बारे में राज्य नए कानून तो बना सकते हैं या उसमें बदलाव कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति से अनुमोदन लेना पड़ता है.

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्री की खराब हालत को देखते हुए तीनों राज्य सरकारों ने कई श्रम कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव किया और इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा.

क्या कहा मजदूर संघ ने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय मंत्री पवन कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के रूप में ऐसे प्रस्ताव लाए थे कि इन राज्यों की ज्यादातर श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया जाए. लेकिन राष्ट्रपति ने इन प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. हम केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हैं.’

 

 

Source : AajTak

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