रायपुर. प्रदेश में खेती-किसानी का काम प्रारंभ होते ही अचानक कई जिलों में कृषि पंपों के सैकड़ों ट्रांसफार्मर फेल हो गए। पावर कंपनी ने जब जांच की तो यह बात सामने आई बिजली चोरी के कारण ओवरलोड होने पर ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं। स्टॉक में ट्रांसफार्मर न होने के कारण लंबे समय तक हाहाकार मचा। लॉकडाउन के कारण बाहर से ट्रांसफार्मरों की खेप नहीं आ पा रही थी। अब खेप आने पर सभी स्थानों में ट्रांसफार्मर भेजे गए हैं। सबसे ज्यादा तीन सौ ट्रांसफार्मर बेमेतरा जिले में फेल हुए हैं। यहां पर बिजली चोरी के 18 मामले भी पकड़ में आए हैं। मानसून के बाद जैसे की खेती का काम प्रारंभ हुआ, पिछले डेढ़ माह में लगातार प्रदेश में कई स्थानों से कृषि पंपों में लगे ट्रांसफार्मर के फेल होने की शिकायत आने लगी। अकेले बेमेतरा जिले में ही तीन सौ ट्रासफार्मर फेल होने की बात सामने आई। इसी के साथ अंबिकापुर संभाग सौ से ज्यादा, राजनांदगांव में भी करीब 80, दुर्ग में पचास सहित और कुछ जिलों को मिलाकर पांच सौ से ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल हुए। इतने ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल होने से पावर कंपनी भी सकते में आ गई।

अवैध कनेक्शन बड़ा कारण

पावर कंपनी ने जब मामले की जांच कराई तो यह बात सामने आई की ज्यादातर स्थानों में ट्रांसफार्मर फेल होने की वजह अवैध कनेक्शन लेकर कृषि पंप चलाना है। प्रदेश में साढ़े चार लाख कृषि पंपों के कनेक्शन हैं। जहां पर दो से तीन कनेक्शन दिए जाते हैं, वहां पर 25 केवीए और जहां पर 10 के आस-पास कनेक्शन होते हैं, वहां पर 63 केवीए के ट्रांसफार्मर लगाए जाते है। जिन ट्रांसफार्मर में अवैध कनेक्शन के कारण ओवरलोड हुआ, ऐसे ट्रांसफार्मर खराब हो गए।

लॉकडाउन ने रोकी खेप

अचानक इतने ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल होने से स्टॉक की कमी के कारण हाहाकार मच गया। कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते बाहर से खेप आने में भी समय लगा। अब जाकर इस माह के पहले सप्ताह में ट्रांसफार्मर की खेप आने पर प्रभावित जिलों में ट्रांसफार्मर भेजे हैं। सबसे ज्यादा तीन सौ ट्रांसफार्मर बेमेतरा जिले में भेजे गए हैं। इस जिले के साजा में सबसे ज्यादा सौ के करीब ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। यहां के ज्यादतर ट्रांसफार्मरों को बदल भी दिया गया है। इसी तरह से भिलाई में 250 ट्रांसफार्मर, अंबिकापुर में सौ, दुर्ग में 50 और बालोद जिले में 25 ट्रांसफार्मर रायपुर के मुख्यालय के भेजे गए हैं। इसके अलावा और जिन जिले से शिकायतें आई हैं, वहां भी ट्रांसफार्मर भेजे गए हैं।

पानी बेचने का धंधा

पावर कंपनी से जुड़े अधिकारी बताते हैं, जब वे फेल ट्रांसफार्मर की जांच करने गए तो उनको जहां भारी संख्या में अवैध कनेक्शन मिले, वहीं यह बात भी सामने आई कि इन अवैध कनेक्शनों से कृषि पंपों से पानी खींचकर पानी बेचा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारोबार बेमेतरा जिले में होने के कारण इस जिले में सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं। ऐसा कारोबार करने वाले छोटे नहीं बल्कि कुछ बड़े किसान हैं।

युद्ध स्तर पर चल रहा काम

जहां भी ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं, वहां पर भरपूर मात्रा में स्टॉक भेज दिया गया है। युद्ध स्तर पर ट्रांसफार्मर बदलने का काम भी चल रहा है। ज्यादातर ट्रांसफार्मर बदले भी जा चुके हैं। -हर्ष गौतम, ईडी, पावर वितरण कंपनी

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