रायपुर। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों के 24 घंटे के भीतर सैंपल जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोविड-19 के संभावित मरीजों की पहचान के लिए सभी जिलों में सघन सक्रिय सर्विलेंस संचालित करने कहा है। श्रीमती सिंह ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को जारी अर्द्धशासकीय पत्र में कहा है कि वर्तमान में कोविड-19 के प्रकरणों की संख्या में तीव्र वृद्धि हुई है। प्रदेश में गंभीर लक्षणों के साथ पाए जा रहे मरीजों और कोविड-19 से मृत्यु के मामलों में भी वृद्धि हुई है। इन स्थितियों के चिकित्सकीय अध्ययन के बाद इसके नियंत्रण के लिए त्वरित कदम उठाया जाना जरूरी है।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए मरीजों को बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई होने जैसी गंभीर स्थितियों में अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि मरीजों की पहचान देर से हो रही है। साथ ही यह भी पाया गया है कि ऐसे अधिकांश मरीज निजी चिकित्सालयों में या  जनरल प्रैक्टिशनर के पास अपना उपचार करवा रहे थे। उपचार के दौरान लक्षण होने के बावजूद भी इनकी कोरोना जांच नहीं करायी गयी थी।

उन्होंने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को जिले के इंडियन मेडिकल एशोसिएशन (IMA) कार्यकारिणी के साथ तत्काल बैठक कर निजी चिकित्सालयों और जनरल प्रैक्टिशनर्स के पास आने वाले सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार के मरीजों (ILI), श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ितों (SARI) तथा कोविड-19 के लक्षण वाले सभी मरीजों का 24 घंटे के भीतर कोरोना जांच कराया जाना सुनिश्चित करने तथा इसकी सूचना जिला आईडीएसपी टीम को अनिवार्यतः उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार तथा श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ितों की पहचान के लिए पूरे जिले में सघन सक्रिय सर्विलेंस करने भी कहा है। इन सभी की भी जांच 24 घंटे के भीतर सुनिश्चित किया जाये।

श्रीमती सिंह ने सभी संदिग्धों की जांच शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करने के लिए जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और चौबीसों घंटे खुले रहने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लक्षण वाले मरीजों की कोरोना जांच की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। यदि कतिपय कारणों से किसी स्वास्थ्य केंद्र में जांच सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकती तो ऐसे स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले मरीजों के लिए समीपस्थ केंद्र में व्यवस्था की जाए और मरीजों को वहां रिफर किया जाये। स्वास्थ्य सचिव ने अन्य स्वास्थ्य केंद्र में रिफर किए जा रहे मरीजों की जांच सुनिश्चित करने तथा निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करने कहा है जो नियमित रूप से कार्य की प्रगति से कलेक्टर को अवगत कराएंगे। उन्होंने सभी कलेक्टरों को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए सात दिनों के भीतर जानकारी देने कहा है।

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