कोरबा (IP News). कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने गुरुवार को एसईसीएल की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान का अवलोकन किया। इस दौरे को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। चेयरमैन के साथ उनके परिवार का भी आगमन हुआ था। गेवरा खदान निरीक्षण के दौरान चेयरमैन सहित एसईसीएल सीएमडी व अन्य अधिकारियों के परिवार के लोग भी इस दौरान उपस्थित थे। उच्च अधिकारियों के परिवार की महिला सदस्यों ने गेवरा में 150 टन क्षमता वाले डम्पर की भी सवारी की और इसके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। खदान विजिट के दौरान किसी भी महिला सदस्यों ने हेलमेट धारण नहीं किया था।
सवाल यह उठ रहा है कि क्या परिवार के सदस्यों को खदान अवलोकन के लिए अनुमति जारी की गई थी? अगर की गई थी तो क्या इन सदस्यों के दस्तखत लिए गए हैं? खदान प्रबंधक ने इन महिला सदस्यों का हेलमेट धारण करने क्यों नहीं कहा? यदि अनुमति नहीं दी गई थी तो परिवार के लोगों ने खदान में एंट्री कैसे की? प्रोटोकाल चेयरमैन व अन्य अधिकारियों के लिए था, फिर इसमें परिवार के लोग कैसे सम्मिलित हुए? क्या परिवार के सदस्यों को खदान में लेकर जाना और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करना माइंस रूल्स का उल्लंघन नहीं है?
इधर, सीटू के नेता और एसईसीएल सेफटी बोर्ड सदस्य वीएम मनोहर ने कहा कि परिवार के सदस्यों को माइंस विजिट बगैर अनुमति नहीं कराया जा सकता हैै। यदि अनुमति दी भी जाती है तो सुरक्षा नियमों का पालन करवना होता है। सीआईएल चेयरमैन का दौरा विभागीय कम व्यक्तिगत ज्यादा नजर आया है। सीआईएल की तीन बड़ी केायला खदानों का निरीक्षण चंद घण्टों में कर लिया गया। लगता है केवल औपचारिकता निभाई गई है। दूसरे श्रमिक नेताओं ने भी दबी जुबान से कहा कि परिवार के साथ खदान निरीक्षण करना नियमों का उल्लंघन है।