नई दिल्ली। भले ही कोरोना काल में भारतीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका लगा है, लेकिन इसी अवधि में भारतीय कंपनियों ने बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश हासिल किया है। इस साल की शुरुआत से अब रिलायंस समेत कई दिग्गज कंपनियों ने 2,26,700 करोड़ रुपये की पूंजी हासिल की है। फाइनेंशियल मार्केट का डाटा देने वाले refinitiv के मुताबिक बैंकों ने भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए अपनी बैलेंस शीट को मजबूत कर लिया है। इसके अलावा कॉरपोरेट सेक्टर भी वैश्विक तौर पर पूंजी जुटा रहे हैं।

कंपनियों में पूंजी निवेश की यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब भारत की जून तिमाही की जीडीपी वृद्धि -23.9 फीसदी दर्ज की गई है। 1980 के बाद पहली बार ऐसी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, 8 महीनों में जो भी डील हुई हैं, वह इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) द्वारा नहीं हुई हैं, जिसके कारण आईपीओ घटकर पांच साल के निचले स्तर 1.5 अरब डॉलर पंहुच गया है। बैंकों ने सबसे ज्यादा लगभग 1 लाख 8 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए है। इसके अलावा एनर्जी और पावर सेक्टर ने लगभग 51 हज़ार करोड़ रुपये और उपभोक्ता उत्पाद ने 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए हैं।

जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज की लगभग 51 हज़ार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देश का सबसे बड़ा डाटा था। आंकड़ों के मुताबिक कंपनी कर्ज़ मुक्त हो गई है और अब फ्यूचर ग्रुप की रिटेल शाखा का अधिग्रहण करके अपने उपभोक्ता कारोबार का विस्तार कर रही है। रियल एस्टेट कंपनियों की पहचान कॉरपोरेट सलाहकारों द्वारा 2020 में बाजारों में आगे बढ़ने के लिए सबसे संभावित उम्मीदवारों के रूप में की गई थी क्योंकि कोरोनोवायरस संकट के कारण व्यवधान के बाद संपत्ति की मांग वापस आने की उम्मीद है।

सलाहकारों ने कहा कि नकदी का स्तर बढ़ने में मदद करने के लिए अर्थव्यवस्थाओं को 15 ट्रिलियन डॉलर की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई गई है, जो महामारी के नतीजों को झेलने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार थी। सिटीग्रुप के इंडिया हेड ऑफ बैंकिंग एंड कैपिटल मार्केट्स के रवि कपूर ने कहा, ‘हम आने वाले हफ्तों और महीनों में ग्रोथ कैपिटल के आगे विस्तार करने की उम्मीद कर रहे हैं।’

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